राष्ट्रीय (27/07/2015) 
सड़क के पास बने छोटे- छोटे भट्टो से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
कैथल :- सरकार के राजस्व को चुना लगने के साथ- साथ देबन के ग्रामीणों व आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी भी कोई भयंकर दुर्घटना घट सकती है। इस परेशानी की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। गौरतलब है कि देबन गांव में सड़क के साथ- साथ प्रजापति समुदाय के द्वारा ईंटें पकाने के लिये छोटे- छोटे भट्टे लगाये हुये है, जिनको पंजावें भी कहा जाता है। इस समुदाय के लोगों मिट्टी की र्इंट बना कर उसको लकडिय़ों व उपलों की आग में पकाते है। इनकी ईंटें दूसरी ईंटों से कच्ची मगर मूल्य में काफी कम होती है। जिस कारण ग्रामीण लोग भाव के लालच में इनको ले लेते है। ग्रामीण संजु, रामकुमार, गजा, ड्राइवर महेन्द्र, सुरजीत आदि ने बताया कि ये पंजावें सड़क के बिल्कुल पास है। जब कोई वाहन चालक पास से गुजरता है, तो उसकी आंखों में इसके धुयें के साथ- साथ हवा में उड़ कर राख भी चली जाती है। जिससे वाहन चालक की आंख एक दम बंद हो जाती है। ऐसी हालत में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उधर ग्रामीण के अनुसार इसका धुआं व राख से वे काफी परेशान है, परन्तु गांव होने के कारण वे उनको कुछ कहने से बेबस है। गर्मियों में जब तेज हवा चलती है तो उसका धुआं व राख दूर तक मार करती है। बरसात के मौशम में जब ठंडी हवायें चलती है तो ये हवायें भी ग्रामीणों गर्म लगती है। इस लोगों का जीना दुर्भर हो गया है। 

सरकार सड़क से दूर दे इस समुदाय को जमीन - सरपंच
इस बारे में सरपंच गजे सिंह ने बताया कि पहले ये गांव के बीच में ईंटें पकाया करते थे। वहां से इसी परेशानी के चलते इनकों बाहर कहा गया था। अब ये अपनी जमीन पर यह पंजावां लगाते है। यही इनकी रोजी रोटी का साधन है। सरकार को चाहिये कि सड़क से दूर इनको जगह दे, ताकि लोग परेशानी से बचे और इनको रोजी रोटी मिलती रहे।

इन पर टैक्स बनता है या नही, इसका पता नही- डी ई टी सी
इस बारे में  डी ई टी सी कैथल बी के बैनीवाल ने बताया कि भट्टों पर एक मुश्तरका टैक्स है। गांव में लगने वाले इन पंजावों पर टैक्स है या नही मुझे नही पता। रही बात समस्या की वह कार्य पुलिस का है।
राजकुमार अग्रवाल
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