राष्ट्रीय (27/07/2015) 
डॉक्टर की लापरवाही से गई जान पर उठे सवाल
महोबा जिला अस्पताल में दर्द के कराह रही बुजुर्ग महिला को डॉक्टर द्वारा इंजेकशन लगाने के बाद हुई मौत से परिजन भड़क उठे ! परिजनों का आरोप था कि पहले तो डॉक्टर ने मरीज को भर्ती करने के एवज में एक हजार रुपये की रिस्वत ली और इसके बाद इलाज करने के स्थान पर एक महिला मित्र से गपशप करने में व्यस्त हो गए कई बार इलाज करने के लिए डॉक्टर से कहा जिससे नाराज होकर डाक्टर ने गलत इंजेकशन महिला को लगा दिया जिससे उनकी मौत हो गई ! 

प्रदेश सरकार ने मरीजों को निशुल्क इलाज देने के लिए भले ही कड़े निर्देश विभाग को दे रखे हो मगर शायद डाक्टरों को इन निर्देशों की परवाह नहीं है ! महोबा जिला अस्पताल में डॉक्टर के०डी० गुप्ता द्वारा भी पहले तो बुजुर्ग मरीज को भर्ती करने के नाम पर एक हजार रुपये की सुविधा शुल्क ली गई और बाद में इलाज करने के स्थान पर डाक्टर ने नाराज होकर मरीज को गलत इंजेकशन लगा दिया ! मामला दरअसल यह है कि बीते रोज गांधी नगर निवासी उषा राजपूत की 55 वर्षीय माँ शांतिदेवी को दस्त की शिकायत होने पर जिला असपताल लाया गया जहाँ  डॉक्टर के०डी० गुप्ता ने मरीज को बेहतर सुबिधा देने के एवज में एक हजार रुपये रिस्वत ले ली ! महिला के भर्ती होने के बाद पूरी रात न तो डॉक्टर देखने आये और न ही कोई दवा दी ! सुबह जब महिला की तबियत ठीक नहीं हुई तो परिजनों ने  डॉक्टर के०डी० गुप्ता से इलाज करने की बात कही लेकिन डाक्टर साहब अपनी एक महिला मित्र  के साथ गप्पे मारने में व्यस्त थे ! अस्पताल सूत्रों की माने तो यह महिला मित्र अकसर  डॉक्टर के०डी० गुप्ता के साथ देखी जाती है ! जब परिजनो ने सीएमएस से शिकायत करने की बात कही तो डाक्टर साहब झल्ला गए और नाराज होकर बुजुर्ग महिला को इंजेकशन लगा दिया और दस मिनट के बाद महिला की मौत हो गई ! महिला की मौत होते ही परिजन भड़क उठे उन्होंने  डॉक्टर के०डी० गुप्ता पर आरोप लगाया कि उन्होंने गलत इंजेकशन लगा दिया है जिससे महिला की मौत हुई है ! हंगामें की सुचना पाकर पुलिस मौके पर पहुँच गई ! 

वहीं डॉक्टर के०डी० गुप्ता मृतक महिला के परिजन द्वारा लगाये जा आ रहे आरोपो को निराधार बता रहे है उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई रिस्वत नहीं ली है और न ही कोई गलत इंजेकशन लगाया है !
इरफ़ान पठान
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