राष्ट्रीय (31/07/2015) 
किसानो का अनिश्चितकालीन धरना बारहवें दिन भी जारी
कैथल :- राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के लिये अधिकृत कि गई जमीन के मामले में किसान अब प्रदेश व केन्द्र सरकार के साथ आर पार की लड़ाई लडऩे का मुड़ बना चुके है। किसानों का कहना है कि चाहे इस जमीन के बदले में उनको कितना बड़ी कुर्बानी ही क्यों न देनी पड़े, परन्तु वे पीछे नही हटेंगे। अनिश्चितकालीन धरने के शुक्रवार को बारहवें दिन किसानों द्वारा पांच सदस्यों की एक टीम बना कर भूख हड़ताल बैठा गया। यह भूख हड़ताल आगे दो दिन ओर चलेगी। उसके बाद अगली नीति अपनाई जायेगी। शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठने वालों में अखिल भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी, राम मेहर प्यौंदा, बीरबल हरसोला, कर्मवीर सेगा तथा बलदेव प्यौंदा, शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दो सरकारें किसानों के साथ धोखा कर रही है। सरकार शातिर दिमाग से किसानों का धरना समाप्त करवाना चाहती है और ओछी नीति अपना रही है। सरकार के द्वारा उनके साथ ही नही अपितु अपने अधिकारियों के साथ भी गलत नीति अपना रही है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को आदेश दिये गये कि किसानों की सी आई डी कि जाये, परन्तु सरकार यह नही जानती कि वे भी हमारे ही पूत है। यदि नौकरी सरकार की कर रहे है तो फायदा तो अपने परिवार को ही पहुंचायेंगे। आज के धरने में गुज्जर सभा के प्रधान ज्ञानचंद एडवोकेट, गोबिंध माजरा, सुरत सिंह कठवाड, जागर सिंह, अजमेर, सिमरु कठवाड़, देवी राम, विरेंद्र सिंह घोघडिय़ा, सुरेन्द्र पाई, प्रदीप चौधरी, आदि सैकड़ों लोगों ने अपना समर्थन दिया।
शनिवार को राष्ट्रीय अखिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर धरने पर बैठेंगे। 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बोबी मान ने बताया कि शनिवार को उनके साथ कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तवंर भी किसानों के साथ धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा किसान विरोधी रही है। यह सरकार किसानों के दम पर सता में आई थी और अब उनको ही नुकसान पहुंचा रही है।  उन्होंने कहा कि जब सरकार द्वारा जो कानून बनाये गये है और किसान उसके अनुसार ही अपनी जमीन के दाम मांग रहे है, तो सरकार क्यों भाग रही है। क्या भाजपा सरकार की नियत में खोट है और किसी बड़े घोटाले करने की सोच रही है। उन्होंने कहा कि धरने स्थल पर पूर्व मंत्री रणदीप सुरजेवाला के भी आने का विचार था, परन्तु किसी कारण से वे नही आ सकते। 
जाम लगाकर आमरण अनशन पर बैठना, हो सकती है अगली नीति धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि उनका भूख हड़ताल पर बैठने का तीन दिन का कार्यक्रम है। यदि इस दौरान सरकार कुम्भकरणी नींद से नही जागी तो अगली नीति पर विचार होगा। जब उनसे जाना गया कि अगली नीति क्या होगी तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी उजागर नही कर सकते। एक दिन व्यतीत गया और दो दिन और बाकी है। रविवार को सायं ही अगली नीति बताई जायेगी। उधर गुप्त सुचना से मिली जानकारी के अनुसार अगली नीति सड़क पर जाम लगा कर सड़क के बीच में आमरण अनशन की हो सकती है।
किसानों को सरकार द्वारा दी जाने वाली नीति पहले ही बता दी गई- उपायुक्त इस बारे में कैथल के उपायुक्त के एम पांडूरंग ने बताया कि सरकार इनको, इनकी मांग पर जो देना चाहती है, बता दिया गया है। आस पास के गांव के किसानों को जो मिला वह इनको मिल जायेगा, इससे ज्यादा कुछ नही। यदि अब ये कोई जाम आदि जैसा गलत कदम उठाते है, तो इन पर कारवाई की जायेगी। कानून सबके लिये एक है।
किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम नही होने दिया जायेगा- एस पी इस बारे में पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी ने बताया कि बुधवार की रात को किसानों के साथ सकारात्मक बात हुई थी और किसानों ने शुक्रवार सुबह तक का समय दिया गया था। इस समय सीमा से पहले ही बता नही क्यों इन्होंने भूख हड़ताल का फैसला ले लिया गया। 
किसान बहकावे में आ गये। उन्होंने बताया कि पुलिस के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने पर जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, उनका चालान दे दिया गया है। अब दुबारा इनको जाम लगाने नही दिया जायेगा।
राजकुमार अग्रवाल
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