राष्ट्रीय (01/08/2015) 
आईटी कानून की धारा 66ए हो सकती है बहाल

नई दिल्ली । सरकार आईटी कानून की विवादास्पद धारा 66ए को उचित बदलावोंश् के साथ बहाल करने पर काम कर रही है। इस धारा में ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री डालने पर लोगों को गिरफ्तार करने का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इस धारा को खारिज कर दिया था।

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गत दिवस को संसद को सूचित किया, 'गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रभावों का अध्ययन करने एवं उचित बदलावों और सुरक्षात्मक उपायों तथा इसे पूरी तरह संवधानिक प्रावधानों के अनुरूप बनाने के लिए आईटी ऐक्ट, 2000 की धारा 66ए बहाल करने पर सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की है।'

गृह मंत्रालय द्वारा समिति को ऐसे वैकल्पिक उपाय सुझाने को कहा गया है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सोशल मीडिया के संभावित दुरुपयोग से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि आईटी कानून की धारा 66ए पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करने एवं मौजूदा कानूनों में संशोधन के उपाय सुझाने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा कानून आयोग के पूर्व सचिव एवं लोकसभा के महासचिव टी के विश्वनाथन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की गई है।

उच्चतम न्यायालय ने आईटी कानून की धारा 66ए को 'असंवैधानिक' बताया था और कहा कि इससे अपनी बात कहने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर श्गहरा प्रभावश् पड़ेगा। जब यह धारा प्रभावी थी तो नेताओं के कार्टून और उनकी आलोचना करने पर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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