राष्ट्रीय (01/08/2015) 
विधायको और सांसदों समेत धरने का हिस्सा बने अभय चौटाला
कैथल:- विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला आज इनैलो के विधायकों, सांसदों व पूर्व विधायकों के साथ एन.एच.65 तितरम मोड पर भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को बढ़ाने की मांग को लेकर धरने व अनशन पर बैठे किसानों के समर्थन में उतरे और 2 घंटे तक उनके अनशन का हिस्सा बने। उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर पिछले 12 दिन से बैठे किसानों को भरोसा दिलाया कि उनका हक दिलवाने के लिए वह इन किसानों के साथ किसी भी हद तक जा सकते है। उन्होंने कहा कि किसानों का एन.एच. 65 पर अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजे की राशि को बढ़ाना एक जायज मांग है और इसे पूरा करने के लिए खट्टर सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेतीहर मजदूरों और किसानों तथा महिलाओं का इस तरह से सड़क पर बैठना वर्तमान सरकार की किरकिरी है और इससे भाजपा सरकार के उन दावों की पोल भी खुल गई है जिसे वह अपने आपको को किसान हितैषी कहते नहीं थकते हैं। अब समय आ गया है कि हरियाणा सरकार को चेतना चाहिए और किसानों इस मांग को मांगते हुए मुआवजे की राशि को बढ़ाने का ऐलान कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तो मुआवजा बढ़े दूसरे जिस किसान भूमि अधिग्रहित हो गई है उस भूमिहीन किसान के परिवार में एक सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए। जिस तरह से जमीनों का औने-पौने भाव में किया जा रहा अधिग्रहण एक तो किसानों की जोत को कम कर रहा है दूसरा किसान बेरोजगारी की कगार पर खड़ा है। ऐसी स्थिति में किसान यदि दुखी होकर आत्महत्या जैसे कदम को उठाते है तो उसका मजाक बनाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन जैसे नेता इन आत्महत्याओं को किसानों के प्र्रेम प्रसंगों व नपुसंकता से जोड़कर दुखी किसान परिवारों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव से पूर्व किसानों के कल्याण के बड़े-बड़े दावे कर सत्ता में आते ही स्वामीनाथन आयोग को लागू करने और भी कई योजनाएं बनाने वाले यह सरकार के लोग आज सत्ता सुख मिलने के बाद किसानों को मानो भूल ही गए हैं। इन्हें कृषकों की मांग मिथ्या दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि इनैलो हमेशा से किसानों की पक्षधर रही है। चौ. देवीलाल हो या फिर चौ. ओमप्रकाश चौटाला सभी ने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी है और उनके हितों की रक्षा के लिए सड़कों पर भी उतरे हैं। दुख होता है कि जब हरियाणा प्रदेश के कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ इस तरह के औने-पौने बयान देकर किसानों को दुखी करते है और कहते हैं कि इतना मुआवजा किसानों को दिया गया है उनका दिल भगड़ा डालने को करता है। इस तरह के बचकाना बयान देने वाले नेता किसी की क्या भला करेंगे। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनैलो नेता रामपाल माजरा जो पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे किसानों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की मुआवजे को 4 गुणा बढ़ाकर सरकार को देना ही होगा। इनैलो इन किसानों के साथ है तथा उन्हें इस संदर्भ में जो दायित्व धरना आयोजक सौंपेंगे वह उसके लिए शत-प्रतिशत उनके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि किसान व उनके परिवार अपने घर को छोड़कर दिनचर्या को छोड़कर सड़कों पर बैठे है और कठोर हृदय सरकार है जिसका मन देश को खाद्यान्न देने वाले इन किसानों के लिए जरा भी नहीं पसीज रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है कि किसान धरने पर बैठा है समाज का कोई भी वर्ग ऐसा नहीं है जो अपनी मांगों को लेकर वर्तमान में सड़कों पर उतरकर नारेबाजी न कर रहा हो। कर्मचारी उनका रोजगार छीन जाने से नाराज है तो आम जनता महंगाई को लेकर त्रस्त दिखाई देती है। यह सरकार झूठे वायदों की सरकार बनकर रह गई है। मीठी बातों से पेट नहीं भरता है इसके लिए जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना पड़ता है और उसको समझकर दूर करने के काम को ही सच्ची राजनीति कहते है। वर्तमान सरकार को यह समझना होगा कि केवल नाटकबाजी और बयानबाजी से सरकारें नहीं चलती। इसके लिए धरातल पर आकर समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। धरने पर इनैलो के सांसद चरणजीत रोड़ी सिरसा, राज्य सभा सांसद रामकुमार कश्यप, विधायक परमेंद्र सिंह ढुल, विधायक जसविंद्र सिंह संधु, विधायक वेद नारंग, बलवान दौलतपूरिया, अनूप धानक, हरिचंद मिड्डा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र मदान, पूर्व विधायक बूटा सिंह, जिलाध्यक्ष कंवरपाल करोड़ा, प्रदेश कोषाध्यक्ष पारस मित्तल, एस.सी. सैल के प्रदेशाध्यक्ष बलदेव वाल्मीकि, जाट शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान बलवान कोटड़ा, प्रो. अवतार चीका, शशी वालिया एडवोकेट, राजा राम माजरा, युवा नेता जसमेर तितरम, अधिवक्ता हरदीप पाडला, संजय जागलान, युवा जिलाध्यक्ष बलराज नौच, हलका प्रधान कैथल मा. प्रेम ग्योंग, कलायत हलका प्रधान मा. बलबीर मटौर, संजय जागलान, संदीप ढांडा, हलका प्रधान पूंडरी ओमप्रकाश कैरा, काला खरक प्रधान, ओमप्रकाश ढांडा, हरिकिशन सैनी, ईश्वर मैहला, लीलू पाई, रामप्रकाश गोगी, बिल्लू चंदाना, कृष्ण सौंगल, पार्षद डा. प्रदीप शर्मा, चंद्रभान दयौरा, कृष्ण शेरगढ़, अनिल तंवर, रामदिया चावरिया, पार्षद एवं महिला जिलाध्यक्ष आशा रानी, राममेहर खुराना, रामफल मलिक खुराना, लालचंद जांगड़ा, संपूर्ण कोयल, सुखदेव सीवन, राजेश संजूमा, किसान सैल जिलाध्यक्ष रणधीर जाजनपुर, रामकुमार बाता, राजेश प्यौदा, अधिवक्ता पवन ढुल, जोगेंद्र कसान सहित भारी संख्या में इनैलो पदाधिकारी व कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।
राजकुमार अग्रवाल
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