राष्ट्रीय (24/02/2016) 
प्रेम, विवाह और खिटपिट: लोकार्पण समारोह
नई दिल्ली: 'दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन' द्वारा पूनम जुनेजा (संयुक्त सचिव, भारत सरकार) के कहानी संग्रह 'प्रेम, विवाह और खिटपिट' का लोकार्पण केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री, भारत सरकार किरेन रिजि़जू ने हर्षदीप मल्होत्रा महापौर, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की अध्यक्षता में हिन्दी भवन में किया। मुख्य वक्ता के रूप सुप्रसिद्ध साहित्यकार व व्यंग्यकार डाॅ. हरीश नवल पधारें। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध कवयित्री इन्दिरा मोहन व डाॅ. रवि शर्मा 'मधुप' उपस्थित थे। सान्निध्य महेश चन्द्र शर्मा का प्राप्त हुआ। इसके अलावा डाॅ. सत्यनारायण जटिया, सांसद, डाॅ. सत्यव्रत चतुर्वेदी, सांसद व नीलम गोयल, उप-महापौर ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
अतिथियों का स्वागत मुकेश गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कीर्ति काले, गजेन्द्र सोलंकी व अनिल अग्रवंशी व प्रियंका राय ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन नरेश मोहन ने किया।
महेश चन्द्र शर्मा, पूर्व महापौर व अध्यक्ष, दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि सम्मेलन का सदैव हिन्दी के प्रचार-प्रसार तथा सरकारी कार्य व्यवहार में हिन्दी हो यह प्रयास भी रहा है। साथ ही जहाँ स्थापित लेखकों की कृतियों का लोकार्पण करता है वहीं युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें मंच प्रदान करती हैं और उनकी कृतियों का लोकार्पण कर हिन्दी साहित्य की अभिवृद्धि भी करता है। 
मुख्य अतिथि के रूप में किरेन रिजि़जू ने कहा कि प्रोफेशनल महिलाओं की दोहरी भूमिका से उपजी पारिवारिक समस्याएं उन्हें सदैव ही आकर्षित करती रही थी। जिनकी संवेदनाओं को उन्हें निकट से देख और अपने इस कहानी संग्रह के माध्यम से प्रकट किया है। 
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डाॅ. हरीश नवल ने कहा कि इस कहानी संग्रह के माध्यम से लेखक ने नारी विमर्श, पुरूष विमर्श, विस्थापना विमर्श, रिश्ते-नातों से जुड़े विमर्श जैसे कई 
विमर्शो को उपस्थित किया है।
अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए हर्षदीप मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन निरन्तर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में प्रयासरत है। मुझे पूनम जुनेजा की पुस्तक को पढ़ने का अवसर मिला। पूनम जुनेजा की समस्त कहानियाँ सामाजिक परिवेश और परिदृश्य से प्रभावित हैं। इस पुस्तक के लोकार्पण के लिए दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन और पूनम जुनेजा को हार्दिक बधाई।
वक्ता के रूप में बोलते हुए इन्दिरा मोहन ने कहा कि जीवन के घटना-दुर्घटना के बीच संबंधों के ताने-बाने को जोड़ती नारी को केन्द्र में रखकर स्त्री-पुरूष संबंधों पर आधारित पूनम जुनेजा का नया कहानी संग्रह अद्भूत बन पड़ा है। संसार की संरचना स्त्री-पुरूष संबंधों पर आधारित है। दोनों के अपने-अपने सवाल और धैय हैं। पारिवारिक व्यवस्था में रहकर व्यवस्था के विरोध में खड़ी होकर कहानीकार के नारी चरित्र अपनी परम्परागत भूमिका निभाते हैं।
वक्ता के रूप में डाॅ. रवि शर्मा 'मधुप' ने बताया कि कहानी संग्रह की सभी कहानियों का कलेवर लघु उपन्यास जैसा है। कीर्ति काले, गजेन्द्र सोलंकी अनिल अग्रवंशी तथा कु. प्रियंका राय की कविताओं को सभी ने सराहा।
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