राष्ट्रीय (22/06/2016) 
रिश्वत का गुप्त हवाला है

भारत का यह का क्या हल है ?

इसका न कोई सटीक जवाब है

एक तरफ नव भारत नव निर्माण है

एक तरफ बेघर भूखे नंगों की भरमार है

 

राजनीति के नजरिये ने हर वर्ग समान बनाया है 

सच तो यह है की गांधी के स्वप्न का कल नहीं बन पाया है

मंत्री के कार्यालय से पीए की केबिन तक रिश्वत का गुप्त हवाला है

शर्म महसूस करता हूँ जब कहता कोई भारत महान हमारा है

 

शायद संविधान में कहीं राजनीति को देश सेवा का जरिया बताया है

मगर देश में भुखमरी की खातिर इसको व्यापर बनाया है

 

नहीं सोचता कोई इस भ्रष्ट तंत्र से कल कितना अंधकार होगा,

इस दिखावटी प्रणाली से हर युवा अशिक्षितबेरोजगारव किशान कंगाल होगा।

तब हिंदुत्व का यह कुनबा निश्चित ही फिर से गुलाम होगा 

देवेन्द्र कुमार (अमन)

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