राष्ट्रीय (27/02/2016) 
ये आरक्षण नही, कुर्सी की लड़ाई थी- रणधीर कापड़ीवास
रेवाड़ी। राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुए जाट आरक्षण आंदोलन ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। इस दौरान हुई लूट, हत्या, आगजनी और दुराचार जैसी घटनाओं को लेकर जहां 35 बिरादरी के लोगों में खासा रोष दिखाई दे रहा है, वहीं रेवाड़ी के विधायक रणधीर कापड़ीवास ने भी आंदोलन के दौरान प्रदेशभर में हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और कहा कि ये लड़ाई आरक्षण की न होकर कुर्सी की लड़ाई थी।
उन्होंने कहा कि 10 दिन तक चले इस आंदोलन के दौरान स्थिति को सम्भालने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। मगर ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री का इस्तीफा देना आंदोलनकारियों को राजनीतिक लाभ दे सकता है। वे आज रेवाड़ी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
भूमि अधिग्रहण के लिये गठित कमेटी पर सरकार को गलत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण के लिये कमेटी गठित करने की क्या जरूरत थी। ये भी सरकार की भारी चूक रही है। वहीं नौकरियों के मामले में उन्होंने सरकार से जाति वार श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की।
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