राष्ट्रीय (28/02/2016) 
हैपनिंग हरियाणा सम्मेलन पहले से तय तारीखों पर ही आयोजित करने की तैयारी
चंडीगढ़। मनोहर सरकार का इरादा कुछ ऐसा करने का है कि हरियाणा को फिर कभी इस तरह से ना झुलसना पड़े। इसके लिए जरूरी समझा गया है कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं। पूंजी निवेश के लिए बड़ी विदेशी इकाइयों को आकर्षित किया जाए। मुख्यमंत्री का सपना हरियाणा में आने वाले समय में एक लाख करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का है। इस सपने को हैपनिंग हरियाणा के जरिये अंजाम देने की कोशिशें तेजी से शुरु हो गई हैं।   आठ दिन तक जाट आरक्षण की आग में झुलसने के बाद हरियाणा फिर से पटरी पर लौट आया है। ऐसे में मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हैपनिंग हरियाणा सम्मेलन पहले से तय तारीखों पर ही आयोजित किया जाए। अधिकारियों के इस सुझाव को मुख्यमंत्री ने नकार दिया है कि सम्मेलन फिलहाल टाल दिया जाए। सम्मेलन में पांच हजार विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। सम्मेलन 7 व 8 मार्च को गुडग़ांव में आयोजित किया जाना है। कोशिश रहेगी कि राज्य के चारों क्षेत्रों में नई इंडस्ट्री के लिए पूंजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाए। अभी तक हरियाणा सरकार का ज्यादा फोकस गुडग़ांव पर रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री राज्य के पिछड़े इलाकों में ज्यादा से ज्यादा इकाइयां लगाना चाहते हैं। इसकी वजह लोगों को अपने घर के पास ही रोजगार देना है। वे कहते हैं, राज्य के चारों क्षेत्रों में फैक्ट्रियां लगने से ही हरियाणा तेजी से प्रगति करेगा और लोगों के चेहरों पर मुस्कान खिलेगी।
 यह सच है कि जाट आरक्षण आंदोलन की वजह से हरियाणा को कई हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन राहत की बात यह है कि उपद्रवियों ने कहीं किसी इंडस्ट्री को नुकसान नहीं पहुंचाया। रोहतक में एशियन पेंट इकाई की तरफ उपद्रवियों के बढ़ते कदम खुद आम लोगों ने रोके। लठ्ठ ले कर आगे आए आम लोगों ने उपद्रवियों को रोजगार का वास्ता दे कर वापस मोड़ दिया। आईएमटी मानेसर में जापानी होस्टल में रह रहे 29 लोगों को सुरक्षित रास्ता दिया गया। इसके लिए जापान के पूंजी निवेशकों ने फोन कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया। यह माना जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर है। मुख्यमंत्री जानते हैं कि अगर हरियाणा में हर हाथ को अगर काम मिल जाए तो लोग अच्छे से अपनी जिंदगी बसर कर सकेंगे। न वे सडक़ों पर उतरेंगे और न राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे। रोजगार के बड़े अवसर विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित करके ही पैदा किए जा सकते हैं। पूंजी निवेश के लिए बेहतर माहौल और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी है। हैपनिंग हरियाणा सम्मेलन के जरिये विदेशी पूंजी निवेशकों को यही भरोसा दिलाया जाएगा। जाट आरक्षण आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने नए सिरे से अपनी रणनीति तय की है। इंडस्ट्री विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर उन्होंने यही निर्देश दिए हैं कि सम्मेलन स्थगित करने की कोई जरूरत नहीं है। अच्छा यही रहेगा कि बिना देर किए तेजी से आगे बढ़ा जाए।  पिछले काफी समय से पहले से ही हैपनिंग हरियाणा की तैयारियों में जुटे इंडस्ट्री विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद इस दिशा में जोर-शोर से काम जारी है। उम्मीद है कि राज्य सरकार को अपने प्रयासों में कामयाबी मिलेगी। देखना है कि हरियाणा की तकदीर संवारने की कोशिशें कब रंग लाती हैं ।
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