राष्ट्रीय (01/03/2016) 
राजनीति के जयचंदो से संविधान लाचार है, क्यों ?
बेख़बर देहलवी की कलम से

विद्या के मन्दिर में जब दानवो का सम्मान होता हैं !
दिल पे हाथ रख बताना किसका अपमान होता हैं !!

माँ भारती के पुत्र है हम सिर्फ संस्कारों को जीते है !
छोटे की छोटी सी गलती पर घूँट जहर का पीते है !!

जो माता का अपमान करे उनकी गलती माफ नहीं !
फांसी की सजा भी इन देशी गद्दारो को काफी नहीं  !!

राजनीति के जयचंदो से संविधान लाचार है क्यों !
देशी गद्दारो के प्रति ये कानून हुआ बीमार है क्यो !!

जिन सैनिकों के चलते ये देश रात को चैन से सोता है !
जिनकी शहादत पर सिर्फ परिवार उसका रोता है !!

रोटी खाते देश की और गुणगान दुश्मन का गाते है !
क्या ऐसे ही कुपुत्रो से ही हम सभी के रिश्ते नाते है !!

हनुमाथ्पा जी की शहादत इन कुपुत्रो को याद नही !
जन्मे ऐसे कुपुत्र इस देश में मेरी ऐसी फरियाद नही !!

गर होता रहा अपमान माँ का तो कलम मैं तोड़ दूंगा  !
माँ के पैरो में जीवन अर्पण मैं सच लिखना छोड़ दूंगा  !!
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