राष्ट्रीय (06/03/2016) 
गीता ज्ञान संस्थानम में गीता जी पर विभिन्न विषयों में किए जाएंगे शोध
गीता मनीषी महा मंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र में 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले श्री गीता ज्ञान संस्थानम में गीता जी पर विभिन्न विषयों में शोध किए जाएंगे। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज हरिद्वार जाते समय यमुनानगर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 6 एकड़ भूखंड इस संस्थान के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। गीता जी जन जन की प्रेरणा बन पाए। हर क्षेत्र तक गीता जी पहुंच पाए। गीता जी पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक पुस्तकालय, योग केन्द्र हो व साधना केन्द्र हो। इस प्रकार के संस्थानम का शिलान्यास शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में किया गया। यह केवल र्इंटों (शिलाओं) का शिलान्यास नही था बल्कि यह एक भाव का शिलान्यास था जिसमें राष्ट्र के अनेकों संत उपस्थित रहे। देश विदेश के हजारों गीता प्रेमियों की निष्ठा इस शिलान्यास के साथ जुड़ी है। उन्होंने कहा कि सबका गीता भाव मिलकर इस गीता संस्थानम को तैयार करने में सहायक होगा। गीता ज्ञान का स्थान केवल मंदिर न रहे बल्कि घर में हो जन जन में हो। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए गीता संस्थानम का शिलान्यास किया गया है। गीता जी पर अलग अलग विषयों में शोध होगा। शिक्षा क्षेत्र  में, चिकित्सा क्षेत्र में, प्राकृतिक व पर्यावरण में गीता जी किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकती है। गीता के विशेष जानकार समय समय पर यहां आएंगे और विभिन्न प्रकार की गोष्ठियों व मंथन होंगे। यहां गीता पर विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं होंगी। यहां से पैदा हुए गीता जी के जानकारों को अलग अलग क्षेत्रों में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि समिति का प्रयास रहेगा कि गीता एक व्यावहार का गीत बने। जो संस्थाएं किसी भी रूप में गीता जी पर कार्य कर रही है उन सभी संस्थाओं को इस संस्थानम के माध्यम से स मान दिया जाएगा। भवन का नक्शा पूरी तरह से इको फरेंडली बनाया जा रहा है  जिससे प्रदूषण रहित वातावरण हो। हर पर परा को ध्यान में रखते हुए इस भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्म करना उनका अधिकार है और कब तक यह संस्थानम पूरा होता है इस बारे में कुछ कहा नही जा सकता है लेकिन समय तीन साल का निर्धारित किया गया है।
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