राष्ट्रीय (08/03/2016) 
स्वच्छ भारत मिशन के दावे फेल: अधिकारी मस्त, आमजन पस्त
देश और प्रदेश की सरकारें भले ही स्वच्छ हरियाणा-स्वच्छ भारत का राग अलापते नही थक रही हों, मगर उसके बावजूद आज भी लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं और लोगो द्वारा लगातार गुहार लगाने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रही।
 रेवाड़ी नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर 25 की, जहां पिछले कई महीनों से सीवरेज प्रॉब्लम के चलते वार्डवासी परेशान हैं। सीवर ब्लॉक होने के कारण यहां की गलियां और नालियां गन्दे पानी से लबालब भरी हुई हैं और हालात यहां तक खराब हो चले हैं कि नालियों का गन्दा पानी अब लोगों के घरों में घुसने लगा है। ऐसे में न केवल लोगो का सांस लेना दुश्वार हो गया है, बल्कि भारी मात्रा में फैली गन्दगी के कारण मक्खी मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से यहां तरह तरह की संक्रामक बीमारियां तक फैलने लगी हैं। 
वार्डवासियों की मानें तो इस समस्या को लेकर वे सम्बंधित विभाग से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के सामने अनेक बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कुम्भकर्णी नींद सोये अधिकारियों पर आज तक उसका कोई असर देखने को नही मिला है। लोगों का कहना है कि जब वे अधिकारियों शिकायत करते हैं तो सफाई कर्मचारी नालियों में चरपट मारकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं, लेकिन महीनो बीतने के बावजूद आज तक इस समस्या का स्थाई समाधान नही हो सका है। ऐसे में उनके सामने एक ही सवाल है कि आखिर वे जाएं तो कहां जाएं।
ऐसा नही है कि ये समस्या केवल इसी वार्ड की है। शहर के दूसरे वार्डों की स्थिति भी लगभग कुछ ऐसी ही है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले सामान्य अस्पताल और ट्रामा सेंटर की बात करें तो इनके बाहर भी कूड़े के इतने भारी ढेर लगे हैं कि कोई चाहकर भी स्वस्थ नही हो सकता और सफाई कर्मचारियों का हाल यह है कि महीनो तक सफाई नही हो पाती है। ऐसे में अस्पताल में आने वाले मरीज ही नही आसपास रहने वाले लोग भी खासे परेशान हैं।
इस समस्या को लेकर नगर पार्षद का कहना है कि वे स्वयं कई बार जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर स्थानीय विधायक तक मिल चुके हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इसके समाधान के लिये वे मंत्री जी से मिलें। 

ऐसे में सवाल ये भी है कि काम अधिकारियों को करना है या मंत्री जी को??? 
वहीं जब इस बारे में नगर परिषद की चेयरपर्सन से बात की गई तो उन्होंने भी ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि ये काम उनका नही, जनस्वास्थ्य विभाग का है। फिर भी वे अधिकारियों से बात करेंगी। वहीं हैरान करने वाली बात ये भी है कि इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं।

Copyright @ 2019.