राष्ट्रीय (09/03/2016) 
उत्तराखंड के हिस्ट्रीशीटरों के बन गए शस्त्र लाइसेंस, आखिर जाँच के नाम के नाम पर हुई खानापूर्ति , उच्च अधिकारी भी जाँच के दायरे में
रुद्रपुर - एक तरफ जिले के कप्तान केवल खुराना शोकियो का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही कर रहे है वही दूसरी और उनके सामने एक और चुनौती खड़ी होती दिख रही है जी हाँ आपको बता दे की उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जनपद के कई थानो और कोतवालियो के टॉपटेन हिस्ट्रीशीटरों के भी शस्त्र लाइसेंस बना दिए गए - अपराधिक मुकदमा दर्ज़ होने पर शस्त्र लाइसेंस की रिपोर्ट  में पुलिस के अधिकारियो द्वारा जाँच कर अपराधिक मामला दर्ज़ न होने की रिपोर्ट लगाईं गई है जिसमे पुलिस के चौकी प्रभारियों ,थानाध्यक्ष शामिल है इतना ही नहीं इस शस्त्र आवेदन में डीसीआरबी की रिपोर्ट भी लगाईं जाती है जिसमे के सभी थानो और कोतवालियो में आवेदनकर्ता के ऊपर मामला जनपद के किसी भी थाने और कोतवाली में मामला दर्ज़ तो नहीं है , कोतवाली थाने और चौकियों में लगे टॉपटेन अपराधियो की सूची बोर्ड में नाम होने के बाद भी अनदेखी करते हुए उत्तराखंड के हिस्ट्रीशीटरों के पक्ष में मित्र पुलिस ने शस्त्र आवेदन में मुकदमा न होने की रिपोर्ट लगा दी 
शस्त्र लाइसेंस भी बना दिए गए।
ऊधमसिंह नगर जनपद के वर्तमान कप्तान के समय में जनपद के हिस्ट्रीशीटरों के शस्त्र लाइसेंसो पर पुलिस महकमे समेत ख़ुफ़िया विभाग ने भी मुकदमा दर्ज़ न होने की मोहर लगा दी, इतना ही नहीं पुलिस महकमे ने जनपद के एक नहीं दो नहीं बल्कि कई ऐसे शस्त्र आवेदनो पर अपनी पॉजिटिव रिपोर्ट लगा दी , जिससे पुलिस महकमे पर सवाल भी खड़े हो रहे है  -- जिस कारण पुलिस महकमे के साथ साथ जिला प्रशासन चुप्पी साधे बता है और जाँच कराने के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर रहा है ।
अभी तो सिर्फ बात है उत्तराखंड के एक मात्र जिले उधमसिंह नगर की अगर जाँच कराई जाए तो पुरे प्रदेश में हिस्ट्रीशीटरों के सेकड़ो शस्त्रलाइसेंस बने होने का खुलासा हो सकता है ।
सरकार के साथ कदम से कदम मिलकर चलने वाले कांग्रेसी छुटभैये नेताओ जिनके दामान पर क्राइम के धब्बे लगे है वो भी प्रशासन को अपनी हनक दिखा कर शस्त्र लाइसेंस धडल्ले से बनाने में लगे है।

राजीव चावला
उत्तराखंड
समाचार वार्ता
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