
राजधानी दिल्ली में बसों से सफर करने वाले लोगों की आज परेशानी का सामना करना पड़ेगा. आज दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) कर्मचारियों की यूनियनें हड़ताल करेंगी जिसके चलते करीब 3700 डीटीसी बसों की रफ्तार पर ब्रेक लगेगी, इसके कारण सार्वजनिक परिवहन बसों पर निर्भर रहने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. डीटीसी
कर्मचारी यूनियन का दावा है कि ये हड़ताल बीते 30 साल में सबसे बड़ी हड़ताल होगी. दावा ये भी है कि बीते कई दिनों से
चल रही डीटीसी कर्मचारियों की ये हड़ताल सोमवार को सबसे विराट रूप लेने जा रही है. बता दें कि डीटीसी के ठेका कर्मचारी डीटीसी संविदा
श्रमिक संघ के बैनर तले 22 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. डीटीसी
कर्मचारियों कि मांग है कि सभी अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित किया जाए व समान
काम के लिए समान वेतन दिया जाए. उनकी मांगों में उस भत्ते को भी बहाल करना शामिल
है जिसे एक अदालत के आदेश के बाद डीटीसी ने कम कर दिया था. दरअसल, प्रदर्शन में बैठे कर्मचारियों का
कहना है कि केजरीवाल सरकार ने चुनाव के पहले वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती
है तो 12 हजार कर्मचारियों को पक्का कर
दिया जाएगा. फिलहाल 12 हजार कर्मचारी डीटीसी में
कॉन्ट्रेक्ट पर काम करते हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने हमें मूर्ख
बनाया है. वेतन कटौती का सर्कुलर तुरंत वापस लिया जाए. समान काम समान वेतन लागू किया जाए. डीटीसी में बसों के बेड़े को बढ़ाया जाए, जन परिवहन का निजीकरण बंद हो. |