स्वास्थ्य (24/05/2022) 
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शुरू किया, देश का पहला नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टोबैको सिसेशन
केजरीवाल सरकार, दिल्ली में सभी नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देने और पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टोबैको सिसेशन  (एनआरसी-ओएच-टीसी) का उद्घाटन किया। साथ ही एनआरसी-ओएच-टीसी के आधिकारिक लोगो (प्रतीक चिन्ह) का शुभारंभ किया। यह देश के कुल 315 डेंटल कॉलेज में पहला नेशनल रिसोर्स सेंटर है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, दांतों की सेहत को लेकर अधिकतर लोग आज भी जागरूक नहीं हैं। यही वजह है कि युवाओं में भी ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को तंबाकू व मादक पदार्थो के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक फैलाने, देश के दंत चिकित्सकों को बेहतर प्रशिक्षण देने और डेंटल हेल्थ को लेकर रिसर्च कंडक्ट करने के उद्देश्य से नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टोबैको सिसेशन स्थापित किया गया है। 

मुंह का स्वास्थ्य आपके शरीर के स्वास्थ्य के जितना ही जरूरी

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि, तंबाकू चाहे चबा कर खाया जाए या फिर सिगरेट के रूप में लिया ‌जाए, नुकसान पहुंचाता ही है। यह शरीर के लिए धीमा जहर है। धीरे-धीरे व्यक्ति इसका आदी हो जाता है। उसके बाद चाहते हुए भी इस लत से छुटकारा पाने में दिक्कत होती है। आज के दौर में तंबाकू को बढ़ावा देने वाली फिल्में, ओटीटी प्लेटफॉर्म और विज्ञापनों की वजह से युवा इसकी ओर आकर्षित हो रहे है। इसका फायदा उठाते हुए तंबाकू उत्पादों से जुड़ी कंपनियां इसे प्रमोट करने में लगी है। दुनिया भर में हर साल 7 मिलियन से अधिक मौतें केवल तंबाकू के सेवन से होती हैं। यह लोगों के लिए अलार्मिंग सिग्नल है। तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इसके सेवन  से  कैंसर, डिप्रेशन, नपुंसकता जैसी खतरनाक बीमारियां होने की संभावना होती है, लेकिन फिर भी लोग इसे छोड़ते नहीं हैं। तंबाकू के सेवन से दिमाग और नर्व सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो आज से ही इस खराब लत को छोड़ देने में भलाई है। 

सत्येंद्र जैन ने बताया कि, नशे को प्रमोट करने वाली कंपनियों के बहकावे में बिल्कुल भी न आएं। नशा आपको किसी भी चीज से दूर ले जा सकता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए सबसे पहले व्यावहारिक होना बेहद जरूरी है। अपने मन में दृढ़ निश्चय करें कि आपको नशा छोड़ना ही है। अगर नशा छोड़ने में शुरू में दिक्कत आए तो धीरे-धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें। सभी को यह समझना होगा कि आपके मुंह का स्वास्थ्य आपके शरीर के स्वास्थ्य के जितना ही जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने दांतों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और तम्बाकू छोड़ जिंदगी को मुस्कान दें।

नेशनल रिसोर्स सेंटर में दंत चिकित्सकों को दी जाएगी बेहतर ट्रेनिंग

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, तबांकू का सेवन करने वाले पेशेंट्स के इलाज के लिए डेंटिस्ट बेहतर तरीके से काम करते है। अगर किसी व्यक्ति को तंबाकू की लत लग जाती है तो इसे छुड़वाने में बाकि डॉक्टरों की अपेक्षा डेंटिस्ट काफी मदद कर सकते हैं। देश व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दंत चिकित्सकों को इस नेशनल रिसोर्स सेंटर में बेहतर ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां अलग-अलग तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम व सेशन कराए जाएंगे। साथ ही रिसर्च कंडक्ट करने, सरकार के लिए पॉलिसी डेवलप करने और सपोर्ट करने में यह सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ताकि सरकार की नीतियाँ सभी लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाए। हेल्थ एजुकेशन से जुड़े विभिन्न अवेयरनेस प्रोग्राम भी यहां आयोजित किए जाएंगे। 

मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की ओर से दी जा रही सेवाओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि, पिछले 10 सालों से तंबाकू निवारण व निषेध के लिए यहां 10 हजार पेशेंट्स का इलाज किया जा चुका है। मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज ने हमेशा असहायों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए क्वालिटी डेंटल केयर, रिसर्च और डेंटल एजुकेशन देने के लिए अपनी मुख्य भूमिका निभाई है। इसी की बदौलत आज इसे देश के पहले नेशनल रिसोर्स सेंटर का दर्जा मिला है। 

रिसोर्स सेंटर में असहाय और जरूरतमंद लोगों को मिलेगी मदद

दिल्ली गेट स्थित मौलाना आजाद दंत विज्ञान संस्थान की निदेशक डॉक्टर संगीता तलवार ने बताया कि, MAIDS 2011 के बाद से एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त पहला डेंटल हॉस्पिटल है। नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर ओरल हेल्थ एंड टोबैको सिसेशन अब पेशेंट केयर, शोध और तंबाकू समाप्ति में दंत स्वास्थ्य पेशेवरों के दायरे को विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा। तंबाकू सिसेशन से बहुत से असहाय और उन जरूरतमंदों को मदद मिलेगी है, जो तंबाकू के सेवन के प्रभाव से अनजान हैं। मैं सभी स्वास्थ्य संस्थानों और देश के लोगों से तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की अपील करती हूं। देश में तंबाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या नशे की विकृति को खत्म करने के लिए व्यापक प्रयासों की जरूरत है।

एनआरसी-ओएच-टीसी का लक्ष्य :

1. जागरूकता फैलाना- ज्यादा से ज्यादा लोगों को तंबाकू व मादक पदार्थो के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना।

2. सशक्तिकरण- सामाज के हर तबके के लोगों को तंबाकू का सेवन करने से रोकने के प्रति सशक्त बनाना।

3.रिसर्च में भागीदारी- इस सेंटर में रिसर्च होगी। हेल्थ एजुकेशन के लिए अलग अलग भाषा में रिसर्च पेपर बनाएं जाएंगे। जोकि देश के अलग-अलग जगहों पर सर्कुलेट किए जाएंगे।

4. पॉलिसीज में योगदान- सेंटर द्वारा सरकार की पॉलिसीज को डेवेलप करने और सपोर्ट करने में अहम योगदान रहेगा। जिससे सरकार की पॉलीसीज सभी लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाए। 

5. डेंटिस्ट ट्रेनिंग- देश के दंत चिकित्सकों को प्रशिक्षण देना, ताकि वो दूसरे लोगों को बेहतर उपचार दे सकें।

6. सावधानी- तंबाकू का सेवन करने वालों या फिर धूम्रपान करने वालों को जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए इसके नुकसान के बारे में बताना, जो वे अपने निकटतम परिवारजनों को पहुंचा रहे हैं।

7. रणनीति बनाना और सहायता प्रदान करना- लोगों को शिक्षित करने के अलावा ये लोगों को तंबाकू की आदत छोड़ने में सहयोग देना। 

8. इलाज के बाद की ज़िम्मेदारी- एक बार तंबाकू की आदत छूटने के बाद यह दोबारा न आए, इसके लिए इलाज के बाद भी रोगियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। सलाह और सहायता देते रहना।

दिल्ली से दिलीप शर्मा की रिपोर्ट

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