बिज़नेस (06/07/2022) 
सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों के इंचार्ज के समक्ष आधा दिन धरना व प्रदर्शन
सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों में कार्यरत 50000 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों ने सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के प्रधान कार्यालयों  में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों के इंचार्ज के समक्ष आधा दिन धरना व प्रदर्शन किया ।
चूंकि जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (GIPSA), वेतन संशोधन जो 01.08.2017 से देय है की किसी बेहतर पेशकश के साथ बातचीत के लिए नहीं आया और दिनांक 22.06.2022 को सभी चेक ऑफ यूनियनों/संघों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता विफल हो गयी थी । ट्रेड यूनियनों और संघों का संयुक्त मोर्चा के बैनर तले समस्त अधिकारी व कर्मचारी 11.07.2022 को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर आंदोलन कार्यक्रम को तेज करेंगे । यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
 अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव कॉम. अमरजीत कौर व अन्य तमाम नेतागण धरने पर बैठे और कॉमरेड अमरजीत कौर ने साधारण बीमा कंपनियों में अधिकारियों  व कर्मचारियों को उनकी जायज मांगों हेतु संघर्ष के लिए बधाई दी और उनके साथ अपनी एकजुटता को बढ़ाने का विश्वास दिलाया । उन्होंने आगे घोषणा की कि देश के 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियन और विभिन्न अखिल भारतीय संघ, सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों  के अधिकारियों व कर्मचारियों की वाजिब मांगों के समर्थन में माननीय वित्त मंत्री को पत्र लिखेंगे और इस संबंध में जल्द ही एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी करेंगे ।

सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारी व अधिकारी 1 अगस्त, 2017 से लंबित वेतन समझौता के तत्काल समाधान के साथ ही एनपीएस में प्रबंधन द्धारा 14% का योगदान, परिवारिक पेंशन में सुधार @ 30% बिना किसी सीमा के, सभी के लिए 1995 पेंशन योजना, पेंशन में अद्यतनीकरण, निजीकरण का विरोध एवं चारों सरकारी साधारण बीमा कम्पनियों के विलय की मांग भी कर रहे हैं ।

इससे पहले जिप्सा प्रबंधन ने 22.06.2022 को हुई बैठक में वेतन में मामूली वृद्धि की पेशकश की थी, जिसे सभी चेक ऑफ क्वालीफाईड  एसोसिएशनों ने सिरे से खारिज कर दिया था और बीमा क्षेत्र में समानता के आधार पर एलआईसी के बराबर वेतन वृद्धि देने की मांग की ।

सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियाँ, भारत सरकार को लाभांश के रूप में हजारों करोड़ की धनराशि दे चुकी हैं और भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी सभी सामाजिक योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रही हैं।
 
पिछले 5 वर्षों में ऐसी सामाजिक योजनाओं के तहत लगभग 15000 करोड़ रुपये से अधिक दावा राशि के रूप में भुगतान किया गया है ।  पिछले 5 वर्षों में सभी साधारण बीमा कंपनियों द्वारा उत्पन्न और सरकार को भुगतान की गई जीएसटी की राशि लगभग 57000 करोड़ है। कोविड-19 महामारी के समय में, सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अर्थव्यवस्था और समाज की कोरोना योद्धा के रूप में सेवा की है और इस अवधि के दौरान कोविड से 500 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की जान चली गई ।
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