राष्ट्रीय (29/04/2010) 
आधुनिकतम उपकरणों से लैस युद्धपोत आईएनएस शिवालिक नौसेना में शामिल
मुंबई 29 अप्रैल। देश मे निर्मित पहले युद्धपोत आईएनएस शिवालिक को आज रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने सेना में शामिल कर दिया। यह युद्धपोत आधुनिकतम उपकरणों से लैस है और इसे दुश्मनों की रेडार प्रणाली पकड़ नहीं पाएगी। सेना में इस युद्धपोत के शामिल होते ही भारत विकसित देशों के क्लब में शामिल हो गया है। 143 मीटर लंबाई वाले इस युद्धपोत का वजन 6000 टन है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रंास, चीन, जापान और इटली के पास इस तरह के युद्धपोत बनाने की क्षमता है। आईएनएस शिवालिक युद्धपोत का निर्माण कर भारत भी अब उन देशों में शामिल हो गया है। आईएनएस शिवालिक को आधुनिकतम प्रणालियों से लैस किया गया है। यह युद्धपोत दुश्मनों की रेडार प्रणाली की पकड़ से बचने में भी सक्षम है। केन्द्रीय रक्षा मंत्री एके एंटोनी का कहना है कि यह युद्धपोत दुश्मनों के चुनौतियांें के जबाव देने में सक्षम हैं । इस युद्धपोत के सहारे हवा, सतह तथा सतह के नीचे से निगरानी की जा सकती है। इस युद्धपोत को संवेदन ओर प्रतिरोधी उपकरणों से भी लैस किया गया है।  एंटोनी ने कहा है कि भारत के तटीय सीमा काफी लम्बी है जिसकी रक्षा के लिए देश को ऐसे ही युद्धपोत की जरूरत थीं। नौसेना में फिलहाल 130 युद्धपोत हैं जिसमें एक विमानवाहक पोत, 20 लैंडिंग पोत, आठ डेस्ट्रायर्स, 12 नौकाएं और 16 लड़ाकू पनडुब्बियां शामिल हैं।
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