राष्ट्रीय (04/05/2010) 
खेल महासंघ और खेल मंत्रालय में टकराव के आसार, गोलबंद हुए खेल संघों के प्रमुख
नई दिल्ली 04 मई। राष्ट्रीय खेल संघों के अधिकारियों के कार्यकाल तय करने के खेल मंत्रालय के फैसले पर देश के  खेल संघो के प्रमुखों ने एकजूट होकर खेल मंत्रालय की जमकर आलोचना की है। सबने खेल मंत्रालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। करीब डेढ़ दर्जन खेल संगठनों के प्रमुख ने एक सामूहिक प्रेसवार्ता कर खेल मंत्रालय की आलोचना करते हुए कहा है कि खेल मंत्रालय को इस पर पहल करना चाहिए कि राष्ट्रमंडल खेलों को कैसे सफल बनाया जाये। भारतीय ओलंपिक संघ एवं काॅमन वेल्थ गेम्स आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने कहा है कि अब जबकि कामन वेल्थ गेम्स के शुरू होने में कुछ ही महीने रह गये हैं। मंत्रालय को इसके सफल आयोजन एवं इसके प्रदर्शन पर गंभीर होना चाहिए तो उल्टे खेल पदाधिकारियों को हटाने की वकालत कर रहा है। मंत्रालय के इस कदम से खेल प्रबंधन पर असर पड़ेगा, खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। अभी इस तरह के फैसले राष्ट्रमडल खेल को प्रभावित कर सकता है। उल्लेखनीय है कि खेल मंत्रलाय ने एक संशोधन करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय खेल संगठनों के अध्यक्ष पद पर कोई भी व्यक्ति 12 वर्षो से अधिक समय तक नहीं रह सकता है। खेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद देश के प्रशासकों में खलबली मच गई है और सभी ने कल एक सामुहिक प्रेस सम्मेलन कर मंत्रालय के इस फैसले की आलोचना की है। भारतीय तीरदांजी खेल संघ के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने खेल मंत्रालय के इस आदेश को अलोतांत्रिक करार दिया है। जबकि भारतीय ओलंपिक संघ के सचिव रणधीर सिंह ने राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के कामकाज में खेल मंत्रलाय का हस्तक्षेप और बेतूका फैसला बताया है। 
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