राष्ट्रीय (05/05/2010) 
1971 से पूर्व आये बांग्लादेशियों को ही भारतीय नागरिकता: चिदम्बरम
नई दिल्ली 05 मई। केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने आज कहा है कि भारतीय नागरिकता उन्हीं बांग्लादेशियों से मिल सकती है जो 1971 से पूर्व भारत में आये हैं। राज्य सभा में एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा है कि बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता असम समझौते के अनुसार ही मिलेगी। असम समझौते के अनुसार वे ही बांग्लादेशी भारतीय नागरिकता के पात्र हैं जिन्होंने 1971 से पूर्व भारत में प्रवास किया है।  चिदम्बरम ने कहा है कि सरकार ने नागरिकता नीति में कोई बदलाव नहीं किया हैं। उन्हांेने यह भी कहा है कि भारत में बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास पर बनी आईएमडीटी को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था। उस अधिनियम पर कई सवाल उठाये गये थे। भारत में अब भी विदेशी अधिनियम लागू है। उस अधिनियम के तहत अवैध रूप से पकड़े गये विदेशी को उनके देश भेजने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि 2002 से 2008 तक ऐसे बांग्लादेशी भारत में लाखों की संख्या में रह रहे थे जिनकी वीजा अवधि खत्म हो गई थी। केन्द्र ने उन सभी बांग्लादेशियों को वापस भेज दिया है। जबकि भारत में घुसपैठ के रूप में रह रहे बांग्लादेशी के मसले पर चिदम्बरम ने कहा है कि उन लोगों को उनके देश भेजने के लिए सरकार कार्रवाई कर रही है। उनहोंने कहा है कि बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने और देश बाहर भेजनें के लिए सरकार हमेशा कोशिश में है।
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