राष्ट्रीय (10/05/2010) 
अब विदेशों में पढ़ने का सपना पूरा कर सकेंगे छात्र!
नई दिल्ली 10 मई। भारतीय छात्रों में विदेशों में पढ़ाई करने की चाहत बढ़ती जा रही है। जो छात्र आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं उनके लिए तो काई बात नहीं। लेकिन जो छात्र भारी भरकम खर्च कर पाने में अक्षम है उनका विदेशों में पढ़ने का सपना पूरा नहीं होता है। लेकिन अब उन  छात्रों को बैंक लोन देने वाली है। अब बैंक द्वार ऐसा प्रावधान किया गया है कि लोन लेकर पढ़ाई कीजिए और नौकरी करने के बाद आप बैंक का लोन चुका दीजिए। बैंक छात्रों को एजुकेशन लोन के तहत 20 लाख रूपये दे सकती है। जिसमें छात्र को पढ़ाई के साथ तमाम खर्चे पूरे होंगे। छात्र को उनके शैक्षणिक अवधि को देखते हुए बैंक ने पांच से सात साल तक के बैंक लोन को देने की व्यवस्था की है। बैंक सूत्रों के अनुसार छात्र को कोर्स समाप्त होने के एक साल के बाद कर्ज का भुगतान करना होगा जबकि अगर छात्र को नौकरी मिल जाती है तो उसे छह महीने में ही भुगतान करना होगा। बैंक ने यह भी कहा है कि किसी भी छात्र को लोन लेने से पहले कागजी जांच की जरूरत पड़ेगी। लेकिन अगर छात्र मात्र चार लाख रूपये तक लोक लेते हैं तो उन्हें किसी तरह की सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं है। लेकिन सात लाख लेने पार थर्ड पाटी की गारंटी और सात लाख से ज्यादा लेने पर प्रोपर्टी के कागजात एवं संपति से संबधित दस्तावेज जमा करने हांेगे। बैंक का यह भी मानना है कि हर बैंक एजुकेशन लोन देने के पक्ष मंे नहीं है इसके पीछे मुख्य कारण है कि लोन वापसी में अनिश्चितता होती है। जिस कारण अधिकांश बैंक इस झंझट में पड़ना ही नहीं चाहती है। अगर लोन को वापस समय पर अदा कर दिया जाये तो लोन लेने और देने में किसी तरह की अड़चने नहीं आएगी। छात्र को लोन लेने से पहले बैंक को यह जानकारी देनी होगी कि वह किस संस्थान में और किस कोर्स में दाखिला ले रहे हैं। उस कोर्स से संबंधित शुल्क, विवरण आदि को बैंक को दिखाना होगा।
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