राष्ट्रीय (10/05/2010) 
निरुपमा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर एम्स ने लगाया सवालिया निशान
नई दिल्ली 10 मई। दिल्ली के एक अखबार में करने वाली पत्रकार निरूपमा पाठक की मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय और उलझती जा रही है। एम्स ने निरूपमा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगा दिया है।  फोरेंसिक विभाग के डाक्टरों का कहना कि इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है। यह जल्दीबाजी में किया गया पोस्मार्टम का परिणाम है। इस रिपोर्ट के आधार पर हत्या के साथ-साथ आत्महत्या भी कहा जा सकता है।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर झारखंड के कोडरमा पुलिस ने फोरेंसिक डाक्टरों की राय लेने के लिए दिल्ली पहुंची। उस रिपोर्ट को देखकर एम्स के डाक्टरों से सवाल खड़ा कर दिया है। डाक्टरों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर अंजाम तक पहुंचना जल्दीबाजी होगी। क्योंकि यह रिपोर्ट अधूरा है और इसमें कई तथ्यों का जिक्र नहीं है। इस रिपोर्ट से यह पता नहीं चल पा रहा है कि निरूमपा की मौत की वजह क्या है। एम्स के डाक्टरों ने कहा है कि इस रिपार्ट पर पुनः गौर करें और जिन जिन तथ्यों पर जरूरी लगती है उसपर गहन विचार करं।  निरूपमा का पोस्टमार्टम कोडरमा के डाक्टरों  ने किया था। पोस्टमार्टम के समय जांच में जरूरी कई तथ्यों पर अनदेखी वहां के डाक्टरों ने की है। जिसके निरूपमा की हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की बात कही गई है। लेकिन बिसरा को डाक्टरों ने सुरक्षित नहीं रखा। रिपोर्ट में निरूपमा के गर्भ में 10-12 सप्ताह के भू्रण पलने की बात कही गई है लेकिन डाक्टरों ने भ्रूण को सुरक्षित नहीं रखा है। एम्स के डाक्टरों नें इसे जल्दीबाजी में पोस्टमार्टम बताया हैै। वहां के डाॅक्टरों के सामने इतनी जल्दीबाजी क्यों थी यह समझ से परे है। दो दिन पूर्व निरूपमा को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडिल मार्च निकालकर पत्रकारों, समाजसेवियों एवं महिला संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने निरूपमा हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
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