राष्ट्रीय (13/05/2010) 
टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन पर धोनी पर बरसे पूर्व क्रिकेटर

नई दिल्ली 13 मई। आईसीसी टी-20 वल्र्ड कप में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन पर भारत के पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी को आड़े हाथों लिया है। पूर्व क्रिकटरों का कहना है कि इसके लिए कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार है। टीम इंडिया ने सुपर आठ मंे तीनों मुकाबले में हार के बाद सेमीफाइनल से बाहर हो गया है। एक उम्मीद श्रीलंका से लगी थी लेकिन अंतिम मैच में टीम इंडिया नें कप्तान के गलत निर्णय के कारण हारा। भारत और श्रीलंका के विरूद्ध खेले गये मैच में यूसुफ पठान की जगह धोनीे को पहले उतरने के कारण रन बनने की रफ्तार में कमी आ गई और 20 ओवर में टीम इंडिया 164 रन ही बना पाई। जिसपर आसानी से श्रीलंका ने जीत दर्ज कर भारत को सेमीफाइनल से बाहर कर दिया। जबकि कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने इस हार का ठीकरा घरेलू मैदानों पर खेले गये आईपीएल पर फोड़ते हुए कहा है कि आईपीएल मैच खेलते हुए सभी अधिकांश खिलाड़ी या तो घायल हो गये या फिर थक चुके थे। इस कारण उनका प्रदर्शन उम्मीदजनक नहीं रहा। उन्हांेंने आगे कहा है कि आईपीएल मैच और वल्र्ड कप क्रिकेट के बीच समय का अंतराल ज्यादा नहीं था। उसका भी प्रभाव इस मैच पर देखने को मिला है। बल्लेबाज पूरी तरह फ्लाॅप रहे और गेंदबाजों का भी प्रदर्शन सम्मानजनक नहीं रहा। हरभजन सिंह, जहीर खान और आशीष नेहरा जैसे गेंदबाजों के प्रदर्शन अच्छा नहीं होने के कारण हम विपक्षी टीम को नियंत्रण में नहंीं रख सके। महेन्द्र सिंह धोनी की सफाई पर पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री का कहना है कि टीम इंडिया की हार की मुख्य वजह धोनी की गलत रणनीति रही है। रवि शास्त्री ने कहा है कि सुपर आठ के अंतिम मैच में यूसफ पठान को न भेजकर उनकी जगह खुद धोनी बैटिंग करने क्यों गये थे। जबकि भारत को रनों की दरकार थी वहां पर धोनी का उतरना कहीं से न्यायसंगत नहीं दिखता है। जबकि पूर्व क्रिकेट सुनील गवास्कार का कहना है कि भारतीय टीम की कमजोरी सुपर आठ के पहले ही मैच से दिखने लगी थी। विपक्षी टीमों ने भारतीय खिलाड़ियों की कमजोरी को पकड़ लिया था। जिसका परिणाम यह हुआ कि विपक्षी टीमों के गेंदबाजों ने भारतीय खिलाड़ियों को पिच पर लंबे समय तक टिकने ही नहीं दिया। भारतीय टीम सुपर 8 में पहले मैच में हारने के बाद रणनीति में बदलाव कर सकती थी। जिससे परिणाम कुछ बदल सकते थे। लेकिन दूसरे मैंचों में भी भारतीय खिलाड़ी उसी राह पर चले। इसके लिए बल्लेबाजों के साथ साथ धोनी भी जिम्मेदार इसलिए है कि वे रणनीति में बदलाव नहीं कर सके। पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का कहना है कि धोनी को घरेलु आईपीएल और अंतराष्ट्रीय मैच को समान रूप से नहीं देखना चाहिए। आईपीएल घरेलु मैच है इसमें चुनौतियां कम हैं जबकि आप उसी ढर्रे पर अंतर्राष्ट्रीय मैच को कैसे जीत सकते हैं। धोनी को आईपीएल मैच पर हार का ठीकरा नहीं फोड़ना चाहिए। टीम इंडिया ने प्रारंभ से ही जिस तरह का प्रदर्शन किया है उसपर तो मैच जीतने की उम्मीद ही  नहीं की जा सकती है। एक दो बल्लेबाजों और गेंदबाजों को छोड़ दें तो सभी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।

 

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