राष्ट्रीय (18/05/2010) 
जाति आधारित जनगणना भविष्य में खतरनाक साबित होगा: सीआईआई
नई दिल्ली 17 मई। भारत सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना कराये जाने पर भारतीय उद्योग परिसंघ का मानना है कि जातिगत जनगणना से कई पुराने सामजिक मुद्दे खड़े जा जायेंगे। जिनका वर्तमान से कोई सरोकार नहीं है। सीआईआई के नवनियुक्त अध्यक्ष हरि एस भरतिया ने कहा है कि आज देश को जाति, धर्म से उठकर सिर्फ और सिर्फ विकास की जरूरत है। ऐेसे समय में सरकार एक ऐसी मुद्दों में उलझ रही है जिसका सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक नजरिया हैं। उन्होंने कहा है कि वर्तमान मंे लोग अंतर्जातिय विवाह कर रहें है। सरकार एक तरफ अंतर्जातिय विवाह एवं सामजिक आर्थिक विकास से संबंधित तमाम पहलुओं को सरकार प्रोत्साहन देने की बात कहती है, तो दूसरी तरफ पुनः अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सामाजिक मुद्दों को खड़ा करने में लगी है जिसे लोग दफन कर चुके थे। वर्तमान सरकार ऐसे में क्यों उलझ रही है जिससे वर्तमान में तो मिलने वाला कुछ है ही नहीं वहीं भविष्य में यह सामाजिक आर्थिक विकास में बहुत ही खतरनाक साबित होगा।
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