राष्ट्रीय (28/05/2010) 
सेना को हल्के मशीनगन और कार्बाइन की दरकार
नई दिल्ली 25 मई। भारतीय सेना अब हथियारों के आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए पूर्व निर्मित एवं पुराने हथियारों को हटाकर नये और अत्याधुनिक हथियारों को भारतीय सेना में शामिल करने पर जोर दे रही है। भारतीय सेना में ज्यादातर हथियार स्वदेश निर्मित राइफल इंसास हैं। रक्षा मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार भारतीय सेना में इंसास श्रेणी के हथियारों को हटाकार अत्याधुनिक हथियार की जरूरत है। भारतीय सेना अत्याधुनिक हथियार से ही भविष्य में युद्ध के खतरों से निपट सकती है। इसलिए मशीनगन, कारबाइन और अन्य आधुनिक हथियार को सेना में शमिल किये जाने की जरूरत है। सेना चाहती है कि उनके पास विश्वसनीय हथियार रहे जिससे वह किसी भी समय और किसी भी तापमान में उनका इस्तेमाल कर सकें। इंसास हथियारों में कई बार सियासिन ग्लेसियर पर गिरती तापमान और ठंढी जलवायु के कारण उसक इस्तेमाल में मुश्किले होती हैं। ठंढ के कारण कई बार राइफल के काम करने में मुश्किले आती है तो कभी पालीमर मैग्जीन  फट जाते हैं। ऐसी स्थिति में सेना चाहती है कि उनके पास हर समय और हर जलवायु मे इस्तेमाल किये जाने वाले हथियार को सेना में शामिल किया जा सके। हल्के मशीनगन और कार्बाइन को किसी भी समय और किसी भी जलवायु में इस्तेमाल किया जा सकता है।  रक्षा मंत्रलाय का भी मानना है कि भविष्य को देखते हुए सेना के हथियारों के आधुनिकीकरण जरूरी है।
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