राष्ट्रीय (15/09/2012) 
पशुओं की 15 प्रजातियों की गणना 30 दिनों में पूरी होगी
संबंधित राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के पशुपालन विभाग के जरिये पूरे देश में 15 सितम्‍बर 2012 से लेकर 15 अक्‍टूबर 2012 के बीच संदर्भ तिथि 15 अक्‍टूबर, 2012 के अनुसार पशुधन गणना करायी जाती है। यह कार्य जम्‍मूकश्‍मीर और सिक्किम राज्‍यों को छोड़कर कराया जाता है, जहां संदर्भ तिथि क्रमश: 30 अक्‍टूबर, 2012 और 30 नवम्‍बर, 2012 है। इस अवधि के दौरान देश में पशुधन और पोल्‍ट्री पक्षियों की 15 प्रजातियों की गणना पूरी की जाएगी। संदर्भ तिथि पर देश के पशुधन और पोल्‍ट्री के बारे में रिपोर्ट तैयार करने के उद्देश्‍य से समुचित सांख्यिकीय विधियां अपनाई जाती हैं। पशुधन गणना से राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में आवश्‍यक आधारभूत ढांचा के लिए नीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी ताकि पशुधन क्षेत्र की उत्‍पादकता में सुधार हो सके, साथ ही दूध और दूध उत्‍पादों को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक लाने ले जाने, उनका प्रसंस्‍करण और विपणन करने, स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा के प्रावधान के जरिये पशुधन का संरक्षण और अनुरक्षण करने तथा वितरण के लिए बेहतर जर्मप्‍लाज्‍म विकसित करने के प्रयासों को मजबूत किया जा सके।

वास्‍तविक आंकड़ा संग्रह के लिए लगभग दो लाख कार्मिकों को इस काम में लगाया जाएगा। समय पर गणना कार्य शुरू करने के लिए सभी राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों की ओर से तत्‍काल कदम उठाये जा रहे हैं। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन पशुपालन, दुग्‍ध उत्‍पादन और मत्‍स्‍य पालन विभाग की ओर से पशुधन गणना के संचालन के लिए सभी राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को एकसमान प्रक्रिया और आवश्‍यक वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध करायी जा रही है।
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