राष्ट्रीय (17/09/2012) 
छात्रों के लिए जोखिम बनीं हाई टेंशन तार, कभी भी हो सकती है बड़ी घटना
कैथल, 17 सितंबर , राजकीय हाई स्कूल गांव कसान में स्कूली छात्र हाई टेंशन बिजली की तारों के नीचे बैठकर शिक्षित होने का जोखिम उठा रहे हैं। प्रदेश सरकार छात्रों को बेशक तरह-तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे कर रही हो लेकिन यहां विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते स्कूली छात्र मौत के साय में बैठकर पढऩे को मजबूर हैं। पिछले कई दशकों से स्कूल के अंदर से गुजर रही बिजली की तारों को हटाने की विभाग ने जहमत नहीं उठाई। राजकीय हाई स्कूल कसान में नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक करीब 700 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं लेकिन ये छात्र विभागीय लापरवाही के चलते मौत के साय में जीने को मजबूर हैं। स्कूल के बीचोंबीच ऊपर से गुजर रही बिजली की हाई टेंशन तारें व खंभा छात्रों के ऊपर कभी मौत बनकर गिर सकते हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों स्कूल के मैदान में अचानक ये बिजली की तारें टूटकर छात्रों पर गिर गई थी। संयोगवश टूटी तारों ने किसी छात्र को नहीं छुआ नहीं तो कई बच्चों को जान से हाथ धोना पड़ सकता था। संयोग से इस दुर्घटना में किसी छात्र को जानी नुकसान न हुआ था। इन तारों में इतना अधिक करंट था कि मैदान में उगा घास जल कर स्वाहा हो गया। इस घटना के बारे में शिक्षकों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को बताया था और विद्यालय के मुखिया ने इस संबंध में राजौंद विद्युत विभाग के एसडीओ को कई बार अवगत करवाया गया लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। अधिकारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण यहां कभी भी कड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि स्कूल के बीचोंबीच से गुजर रही ये हाई टेंशन तारें अब जर्जर हो चुकी हैं और बार बार टूट कर गिरती रहती हैं। महत्वपूर्ण है कि बिजली मंत्री ने विभाग को आदेश दिए थे कि स्कूलों व तालाबों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए लेकिन विभाग के कर्मचारियों ने यहां बिजली मंत्री के आदेशों की भी हवा निकाल दी है। इस बारे में जब विद्यालय के मुखिया अर्जुन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे विद्युत विभाग के कर्मचारियों, जेई व एसडीओ के आगे इस बार दुखड़ा रो चुके हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। उन्होंने कहा कि वे विभाग के अधिकारियों को लिखित में भी कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अधिकारी उन्हें हर टरका देते हैं।   उन्होंने कहा कि कभी भी स्कूल में कोई हादसा हो सकता है।
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