राष्ट्रीय (18/09/2012) 
भारत अगले 10 वर्षों में खुले में शौच से मुक्त होगा- जयराम
ग्रामीण विकास और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि देश में स्वच्छता के मुद्दे को नौकरशाही से मुक्त करने और इसे जनता का एक आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। राज्य और जिला स्तरीय स्वच्छता प्रेरकों के लिए नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में बोलते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की है कि अगले दस वर्षों में भारत खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सिक्क्मि ने पहले ही ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) दर्जा हासिल कर लिया है और केरल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र आगामी एक से दो वर्ष में स्वच्छता के लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पहली बार 600 स्वच्छता प्रेरकों की नियुक्ति की गई है, जिनको निर्मल भारत अभियान का संदेश फैलाने के लिए रोजगार कार्ड दिया जायेगा। श्री रमेश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए लगभग 8.5 लाख आशा कर्मियों और 13 लाख आंगनबाड़ी सेविकाओं की सेवा ली जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आशा स्वयंसेवी को एक घरेलू शौचालय के निर्माण के लिए 75 रूपये दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता योजना के संदेश को घर-घर तक पहुचाने के लिए 25 लाख महिला स्व-सहायता समूहों को भी जोड़ा जायेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि किसी ग्राम पंचायत को निर्मल दर्जा देने के लिए ओडीएफ ही एक मात्र सूचकांक होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में 28 हजार ग्राम पंचायतों ने निर्मल दर्जा प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि अकेले इस वर्ष में ही 29 हजार 500 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करना ने का लक्ष्य है। श्री रमेश ने कहा कि निर्मल भारत अभियान के कार्य का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 गैर सरकारी संगठनों का एक मंच बनाया जायेगा।
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