राष्ट्रीय (24/09/2012) 
कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा : रामकुमार वर्का--कैथल

कैथल, 23 सितंबर, माननीय उच्चतम न्यायालय ने गत दिनों एक अहम फसला सुनाते हुए दस वर्ष से ज्यादा समय से अनुबंध या अन्य आधारों पर लगे कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने के लिए सरकार को निर्देश दिए हैं। इस फैसले के बाद वर्षों से अनुबंध व अन्य आधारों पर लगे कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं सरकार को नियमित करनी चाहिए ताकि इनका भविष्य सुरक्षित हो सके। यह अभिव्यक्ति राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार वर्का ने स्थानीय कोयल कोपलैक्स में सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गत दिनों माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा एक अनुबंधित कर्मचारी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह 10 वर्ष से ज्यादा समय से अनुबंध या अन्य आधारों पर लगे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करें। इससे इन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा और ठेकेदारों के हाथों होने वाले इनके शोषण पररोक लगेगी।

 वर्का ने कहा कि उन्होंने पदोन्नति में आरक्षण के संदर्भ में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है। इस पत्र में प्रधानमंत्री से पदोन्नति में आरक्षण के लिए संसद में लाए गए विधेयक के साथ-साथ एक विशेष अध्यादेश जारी करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण की मांग नई नहीं है, बल्कि यह तो संविधान के अनुसार ही की गई है। संविधान में दलित एवं पिछड़े वर्गों को आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ उन्होंने सरकार से सफाई कर्मचारी बिल में भी संशोधन की मांग की है। इस बिल में सिर पर मैला ढोने से मुक्त कराए गए कर्मचारियों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान करने की मांग की गई है ताकि इस अमानवीय प्रथा से मुक्त हुए कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके और इनके बच्चों का अच्छी प्रकार पालन पोषण किया जा सके। वे इस संदर्भ वे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों से बातचीत करेेंगे। उन्होंने नगरपरिषद में लगाए गए सफाई कर्मचारियों के कल्याण के बारे में भी नगरपरिषद के कार्यकारी अधिकारी रोहताश बिश्रोई से बातचीत की।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्री हरिराम सूद ने कहा कि वे प्रदेश में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रदेश के मुयमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात करेंगे तथा सफाई कर्मचारियों की पुरानी मांगों के बारे में भी विचार-विमर्श करेंगे। ठेकेदारी प्रथा में ठेकेदारों द्वारा नौकरी पर लगाए गए सफाई कर्मचारियों का हर प्रकार से शोषण किया जाता है। इन कर्मचारियों को कम वेतन दिया जाता है तथा वेतन भी समय पर नहीं दिया जाता, जिससे इन कर्मचारियों के लिए अपने बच्चों के भरण पौषण का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने प्रदेश सरकार से ठेके पर लगाए गए सफाई कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की मांग सरकार से की। उन्होंने सरकार से सफाई कर्मचारियों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने की मांग की ताकि गरीबी के चलते इनके बच्चे शिक्षा से वंचित न रह पाएं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सफाई कर्मचारियों को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएं। ये कर्मचारी गंदगी को साफ करके हमें स्वच्छता का वातावरण उपलब्ध करवाते हैं। इन द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई के परिणामस्वरूप ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यदि हमारे आस-पास गंदगी फैली होगी तो हमें अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इसलिए हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए गंदगी को साफ करने का कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों को बेहत्तर सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएं। यदि सफाई कर्मचारियों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, तभी वे हमें गंदगी से निजात दिलाने में सफल होंगे।

उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा गांवों में नियुक्त किए गए 11 हजार सफाई कर्मचारियों के लिए सरकार का धन्यवाद किया। प्रदेश सरकार ने इस समाज के लोगों को सफाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्त करके उन्हे रोजगार उपलब्ध करवाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इन सफाई कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का भी आग्रह किया है। कोयल कोपलैक्स पहुंचने पर डा. राजकुमार वर्का एवं हरिराम सूद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

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