राष्ट्रीय (24/09/2012) 
सीमा सुरक्षा बल का छठा कांगो दल देश में वापिस आया।

सीमा सुरक्षा बल का छठा कांगो दल जो डेमोके्रटिक रिपब्लीक कांगो में कानून एंव व्यवस्था के लिए तैनात था, सयुंक्त राष्ट्रसंघ के बैनर तले एक वर्ष से ज्यादा समय तक बेहतरीन सेवा कर वापिस आ गया है।
बल मुख्यालय केन्द्रीय कार्यालय परिसर में आयोजित स्वागत समारोह में दल के लीडर श्री ए एस राठौर, कमाण्डेंट (वर्तमान में उप महानिरीक्षक) ने अपने अनुभवों के बारे में बताया और मल्टीमिडिया द्वारा प्रजेन्टेशन भी दिया। इस दल में 135 कार्मिक थे। इन्होंने वहाॅ पर सराहानीय कार्य कर बल का गौरव बढाया।
इस कंटीजेंट की रवानगी इस उम्मीद के साथ की गई थी कि यह दल भी कांगो में पिछले कंटीजेेंटस की भांति पूरी मर्यादा तथा संयुक्त राष्ट्र के मानकों का पालन करते हुए कांगो में शान्ति स्थापित करने में अपना पूरा योगदान देगा।

इस अवसर पर बोलते हुए समारोह के मुख्य अतिथि  यू के बंसल, महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने कहा, मैं जनता हॅू कि इस दल ने अपने एक साल के कार्यकाल में तमाम मुश्किलों एंव चुनौतियों के बावजूद दी गई जिम्मेदारियों को कुशलतापूवर्क पूरा किया। आपने न सिर्फ सीमा सुरक्षा बल का, बल्कि भारत का नाम भी रोशन किया, जिस पर हम सबको गर्व है। मुझे इस बात की खुशी है कि कंटीजेंट ने स्थानीय लोगों का ना सिर्फ विश्वास जीता बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में उनकी भरपूर मदद भी की जिससे सीमा सुरक्षा बल की छवि अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर उजागर हुई और यू.एन. में भी इसकी भरपूर सराहना की गई।
कांगो में इस दल की तैनाती का मूल उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के तहत कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना, उग्र भीड को नियंत्रित करना, स्थानीय पुलिस की कार्यशैली में कुशलता लाना तथा सिविक एक्शन के जरिये लोगों के दिलों को जीतना था।
सीमा सुरक्षा बल के इस दल ने अपने प्रवास के दौरान सिविक एक्शन के जरिये मिशन के डाॅक्टर, पैरा मैडिकल स्टाॅफ तथा कंटीजेंट के जवानों ने जनता के साथ मिलकर जन चेतना कार्यक्रम व मेडिकल कैम्प लगाये। जेल में मौजूद कैदियों को समय-समय पर मेडिकल परीक्षण कर उन्हें दवाईयां भी दी।
इस दल की जिम्मेवारी नये सीमा सुरक्षा बल के दल द्वारा ले ली गई है जो कि भारत से दिनांक 18 सितम्बर को रवाना हुआ था।

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