राष्ट्रीय (24/09/2012) 
मजदूर महासमागम में भाग लेने के लिए 50 हजार श्रमिक दिल्ली पहुंचे
नई दिल्ली, 24 सितम्बर। भाजपा द्वारा देष के 43 करोड़ असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिए बनाए गए भारतीय जनता मजदूर महासंघ के प्रथम राश्ट्रीय समागम की सारी तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। 25 सितम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इस श्रमिक महाकुम्भ में भाग लेने के लिए देषभर के विभिन्न राज्यों से 50 हजार मजदूर रामलीला मैदान में पधार चुके हैं। कल तक 1 लाख से ज्यादा श्रमिक दिल्ली में आकर मनमोहन सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ महासंग्राम की घोशणा करेंगे। इस श्रमिक समागम की सारी व्यवस्थाओं का जिम्मा दिल्ली प्रदेष उठा रहा है। रामलीला मैदान में 72 घंटे का अनवरत श्रीअन्नपूर्णा लंगर कल षाम से ही षुरू हो गया है जो 26 सितम्बर को रात में समाप्त होगा।
भाजपा दिल्ली प्रदेष अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि देष के संगठित मजदूर अपने संगठन की बदौलत अपनी मांगंे सरकार से मनवा लेते हैं लेकिन भारत के 43 करोड़ असंगठित मजदूर पिछले 63 सालों से सरकार की उपेक्षा झेल रहे हैं। इस क्षेत्र के मजदूरों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें 12 घंटे मेहनत करने के बाद भी पेट भर रोटी और तनभर कपड़ा नसीब नहीं होता है। छत की बात तो इनके लिए सपना है।  भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने पहली बार इन मजदूरों को भाजपा के बैनर तले एकत्रित और संगठित होकर संघर्श करके अपनी मांगें सरकार से मनवाने का बीड़ा उठाया है।
भारतीय जनता मजदूर महासंघ की विषाल रैली ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित की गई है। इस रैली को श्री नितिन गडकरी, श्रीमती सुशमा स्वराज, डाॅ. मुरली मनोहर जोषी, महासंघ के राश्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री प्रहलाद पटेल, भाजपा दिल्ली प्रदेष अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता और प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा सहित कई बड़े नेता सम्बोधित करेंगे।  इसके बाद देषभर में यह संगठन अपनी मांगें मनवाने के लिए इस क्षेत्र के 43 करोड़ मजदूरों को एक बैनर तले एकत्रित और संगठित होकर संघर्श प्रारम्भ कर देगा।  यह संघर्श तब तक चलेगा जब तक कि 43 करोड़ मजदूरांे के जीवन में खुषहाली नहीं आ जाती है। 
मजदूरों की प्रमुख मांगे हैं: 1. जीडीपी का 3 प्रतिषत असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिए बजट में खर्च किया जाए। 2. असंगठित मजदूरों का पंजीयन देष में एकरूप और सरलतम हो। 3. रोजी-रोटी को मौलिक अधिकार बनाया जाए।  4. खुदरा क्षेत्र में एफडीआई रद्द हो। 5.मजदूरों के पंजीयन संख्या को आधार कार्ड में अंकित किया जाए। 6. मजदूरों को बीपीएल कार्ड दिए जायें। 7. मजदूरों के लिए ईएसआई की तर्ज पर अस्पताल खोले जायें। 8. असंगठित मजूदरों के बच्चों को उच्च तथा व्यवसायिक षिक्षा निःषुल्क दी जाए। 9. पांच एकड़ तक की जोत वाले किसान खेतिहर मजदूर घोशित हों। 10. असंगठित मजदूरों के लिए आवास की व्यवस्था हो।  11. असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों को न्यूनतम 1500 रूपए मासिक पेंषन की व्यवस्था केन्द्र सरकार करे।
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