राष्ट्रीय (25/09/2012) 
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 28 सितंबर को अपना आठवां स्थापना दिवस मनाएगा

भारत को आपदा मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 28 सितंबर 2012 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अपने आठवें स्थापना दिवस का आयोजन करेगा। सभी प्रकार की प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं से राष्ट्र और राज्य के स्तर पर निपटने के लिए प्राधिकरण के पास आपदा निवारण, तैयारी, क्षमता विकास, राहत, जागृति, पुनर्वास तथा स्थिति की पुनःबहाली, प्रतिक्रिया, निधियन के प्रावधान की संस्तुति का अधिदेश है।

उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी उद्घाटन सत्र में विभिन्न प्रकार की आपदाओ के प्रबंधन के लिए प्राधिकरण द्वारा वर्षों के दौरान विकसित तंत्र के संदर्भ में प्राधिकरण के योगदान को रेखांकित करेंगे । इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन तथा संसदीय कार्य मंत्री  पवन कुमार बंसल उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि होंगे तथा गृह राज्य मंत्री  मुल्लापल्ली रामचंद्रन सम्मानित अतिथि होंगे। दिन में बाढ़, सूनामी तथा चक्रवात जैसी प्रमुख आपदाओं के प्रबंधन पर तीन तकनीकी सत्रो का आयोजन किया जाएगा जिसमें विषय से संबंधित विशेषज्ञ अपनी प्रस्तुतियां देंगे तथा भागीदारों के साथ चर्चा सत्र में हिस्सा लेंगे। दिन के दौरान असम राज्य में बाढ़ और राहत तथा बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा कार्यवाई बल (एनडीआरएफ) द्वारा प्रदान की गई सहायता पर भी चर्चा की जाएगी।

भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव/ राज्य सरकारों के सचिव (डीएम)/राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी / बाढ़, सूनामी और चक्रवाती आपदा से संबंधित विभिन्न संस्थानों के प्रमुख, प्रमुख स्वंय सेवी संगठन, फिक्की, एसोचैम और सीआईआई जैसे प्रमुख कॉरपोरेट संचालक, संयुक्त राष्ट्र संगठन, एनडीएमए के भूतपूर्व उपाध्यक्ष तथा भूतपूर्व सदस्य भी इस समारोह में उपस्थित होंगे।

जहां एक और एनडीआरएफ आपदा स्थितियों में राज्य सरकारों को सहायता प्रदान कर रहा है वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और अनुसंधान अध्ययन में मदद प्रदान करता है। मार्च 2011 में ग्रेट ईस्ट भूकंप के दौरान एनडीआरएफ का एक बड़ा दल जापान गया था तथा राहत और सहायता कार्य में मदद प्रदान की थी। जापान सरकार ने इसकी काफी सराहना की है।

भारत दुनिया में चक्रवात से प्रभावित मुख्य देशों में से है और यहां अकसर चक्रवात आते है जिसमें अधिकांश की दर काफी अधिक होती है। चक्रवात के असर को कम करने के लिए विश्व बैंक की सहायता से राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (एनसीआरएमपी)का विकास किया गया है और वर्तमान में आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा राज्यों में यह 1496.71 करोड़ रुपए की कुल लागत के साथ क्रियान्वयन के अधीन है। परियोजना के मुख्य घटकों में तटीय समुदायों के लिए चेतावनी प्रसार, चक्रवात जोखिम शमन अवंसरचना का निर्माण तथा चक्रवात जोखिम शमन क्षमता निर्माण के लिए तकनीकी सहायता तथा ज्ञान सृजन शामिल है। इस परियोजना के दूसरे चरण में 1755 करोड रुपए की लागत के साथ चार अन्य राज्य-पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र और गुजरात को भी इसमें शामिल करने का प्रस्ताव है। स्थापना दिवस के दौरान चर्चओं से विभिन्न आपदाओं के प्रबंधन के लिए नवीन विचारों के सामने आने की संभावना है।

30 मई 2005 को एनडीएमए का गठन किया गया था और 27 सितंबर 2006 को इसका विधान अधिसूचित किया गया । वर्तमान में  एम. शशिधर रेड्डी प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं।

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