राष्ट्रीय (26/09/2012) 
एकीकृत जलागम विकास कार्यक्रम की राज्य स्रतीय नोडल एजेंसी की बैठक--हिमाचल प्रदेश

मुख्य सचिव  एस. राय की अध्यक्षता में आज यहां एकीकृत जलागम विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में बिलासपुर, कांगड़ा, किन्नौर, मण्डी, सोलन और ऊना जिलों के लिए 21 जलागम विकास कार्यक्रमों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। इन परियोजनाओं पर 260 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे और इनके अन्तर्गत 106596 हैक्टेयर भूमि को लाया जाएगा। बैठक में किन्नौर और लाहुल-स्पीति जिलों के लिए जिला स्तरीय परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी सृजित करने को स्वीकृति भी प्रदान की गई ताकि इन जिलों में आने वाले वर्षों में शेष बचे हुए क्षेत्र को एकीकृत जलागम प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत लाने में सहायता मिल सके।

 एस. राय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012-13 में एकीकृत जलागम प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत उपचार के लिए एक लाख हैक्टेयर क्षेत्र स्वीकृत करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रषित किया है। इससे पूर्व, वर्ष 2008-09 में प्रदेश सरकार ने 4668 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजे थे, जिसमें से 1035.08 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकृति प्राप्त हुई थी। इन प्रस्तावों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 6,90,112 हैक्टेयर भूमि का उपचार किया गया।

मुख्य सचिव ने परियोजनाओं के अन्तर्गत अधिक से अधिक आजीविका उपार्जन गतिविधियां सृजित करने पर बल दिया ताकि लाभार्थियों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके और परियोजनाएं सतत् रूप से जारी रह सकें। उन्होंने जीआईएस एप्लीकेशन के प्रयोग से परियोजनाओं के प्री एवं पोस्ट आकलन पर बल दिया। उन्होंने जलागम विकास कार्यक्रम को वृहद् बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने राज्य में एकीकृत जलागम प्रबंधन कार्यक्रम परियोजना के अन्तर्गत प्राप्त की गई उपलब्धियों की प्रशंसा की।

प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास  एसकेबीएस नेगी, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भू-संसाधन विभाग में उप महानिरीक्षक, वन जगदीश सिंह, एनआरआरए, भारत सरकार के तकनीकी विशेषज्ञ (वानिकी) के. बालचंद्रन थंपी, प्रधान सचिव एवं विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

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