राष्ट्रीय (27/09/2012) 
हिमायत के अंतर्गत रोजगार के लिए जम्मू कश्मीर के युवक प्रगति पर

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और जम्मू कश्मीर सरकार ने जम्मू कश्मीर में 2011 में संयुक्त रूप से हिमायत परियोजना शुरू की थी जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्ष में राज्य के एक लाख युवकों को प्रशिक्षण और रोजगार देने के लिए रोजगार संबंधी कौशल विकास प्रदान करना है। अब तक 2431 युवकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और इस समय 2800 प्रशिक्षु जम्मू कश्मीर के 19 जिलों में फैले 42 केन्द्रों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। हिमायत के अंतर्गत राज्य के बाहर प्रशिक्षित और रोजगार प्राप्त युवकों से संवाद करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ में मोहाली के एमबीए कान्फ्रेंस हॉल एनआईपीईआर में 30 सितम्बर 2012 को एक संवाद सत्र आयोजित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने प्रशिक्षित युवकों के साथ संवाद करने के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला को आमंत्रित किया है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल कार्यक्रम के लिए पहले ही 235 करोड़ रूपये मंजूर कर चुका है। उन युवकों को इसमें प्राथमिकता दी जाती है जिन्होंने स्कूल और कॉलेज में बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है। प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। निजी क्षेत्र के संस्थानों जैसे आईएलऔरएफएस और डॉन बोस्को तकनीकी संस्थान को युवकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए चुना गया है। एक बार जब प्रशिक्षित युवक अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं और उन्हें रोजगार मिल जाता है, मंत्रालय अगले तीन वर्ष तक उनकी प्रगति पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर उन्हें और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह कार्यक्रम जम्मू कश्मीर के युवकों के लिए रोजगार सृजित करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता का हिस्सा है। युवकों को देशभर में, जम्मू कश्मीर और बाहर रोजगार दिया जाता है। हांलाकि लड़कियां राज्य में ही काम करना चाहती हैं लेकिन अनेक पुरूष राज्य के बाहर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। शिमला, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में नौकरियों के ऑफर मिलते हैं।

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