राष्ट्रीय (27/09/2012) 
सभी घरों को बैंक सेवाओ में शामिल करने के लिए अभियान चलाने का आह्वान--हिमाचल प्रदेश

मुख्य सचिव  एस. राॅय ने बैंकों से प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शत-प्रतिशत आवासों को बैंक खाते के दायरे में लाने के लिए व्यापक अभियान आरम्भ करने का आग्रह किया है ताकि वित्तीय समावेश के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इससे उन्हें भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को अपनाने के लिए उन्हें सुदृढ़ माध्यम मिल सकेगा। मुख्य सचिव आज यहां बैंकरर्ज समिति की 125वीं राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि बैंकों ने प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 2213 करोड़ रुपये के नए ऋण वितरित किए, जिससे 1.31 लाख लाभार्थियों को लाभ मिला। इस अवधि में बैंक के व्यवसाय में 19.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 6 प्राथमिक क्षेत्रों में से 5 क्षेत्रों में राष्ट्रीय मापदण्डों से अधिक उपलब्धियां दर्ज की। इस वित्त वर्ष के दौरान बैंकों ने 9348 करोड़ रुपये के ऋण वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश के कुल 14.77 लाख घरों में से 13.16 लाख घर बैंक सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 58.07 प्रतिशत है। उन्होंने बैंकों का आह्वान किया कि भारतीय रिजर्व बैंक के नए दिशा निर्देशों के अनुरूप 2000 से कम आबादी वाले प्रत्येक गांव को बैंक सेवाएं प्रदान करने की रूपरेखा तैयार करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बैंकों का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है और प्रदेश में विभिन्न बैंकों की 70 नई शाखाएं खोली गई हैं। प्रदेश में इस समय बैंकों की 1570 शाखाएं लोगों को सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा 686 एटीएम भी स्थापित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार राज्य कोष व्यवसाय से सम्बन्धित बैंक की सभी शाखाओं में शीघ्र ही एटीएम स्थापित किए जाएंगे। वित्त मंत्रालय ने ऐसे 84 स्थानों पर क्लीयरिंग हाउस फैसीलिटी उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है, जहां बैंक की तीन या इससे अधिक शाखाएं इस सुविधा के बिना कार्य कर रही हैं। इससे बैंकों में धनराशि के शीघ्र स्थानान्तरण में सहायता मिलेगी। 

 राय ने कहा कि भारत सरकार ने मिट्टी तेल पर उपदान के सीधे स्थानान्तरण (डीटीएसके) के कार्यान्वयन के लिए ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर व मण्डी जिलों को प्राथमिकता वाले जिलों के रूप में चयनित किया है। इसके अन्तर्गत बैंक पात्र परिवार के मुखिया का बैंक खाता सुनिश्चित बनाएंगे, जिसकी सूची राज्य का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग उपलब्ध करवाएगा। ऊना जिला में डीटीएस के योजना को पायलट आधार पर


आरम्भ करने का मामला विचाराधीन है। उन्होंने विभाग से इस मामले में शीघ्र कार्यवाही का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि बैंकों ने बिलासपुर जिला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण के लिए पायलट आधार पर आईसीटी आधारित बिजनैस कारेसपोंडेंट्स माडल पर कार्य आरम्भ किया है, जहां 11 बैंकों के अन्तर्गत 151 ग्राम पंचायतें शामिल की गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुरूप यूको बैंक 28 पंचायतों में आधार कार्ड युक्त अदायगी प्रणाली पर कार्य करने के प्रयास कर रहा है। बैंक खातों में आधार कार्ड अंकों को शामिल करने का कार्य बिलासपुर, ऊना व हमीरपुर जिलों में आरम्भ किया गया है, जहां 80 प्रतिशत से अधिक कार्य किया जा चुका है।

यूको बैंक के महाप्रबन्धक  बी. वैंकटरमण ने कहा कि प्रदेश में बैंकों के कारोबार में वृद्धि हुई है और प्रदेश के 89 प्रतिशत परिवार बैंक सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसके बावजूद वित्तीय क्षेत्र में बैंकों के और अधिक प्रवेश के लिए कार्य करने की आवश्यकता है, जिसके लिए एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, आईसीटी आधारित बिजनेस काॅरेसपोंडेट्स और छोटी शाखाएं आदि के माध्यम से उन लोगों तक बैंक सेवाएं पहुंचाई जा सकती है, जो अभी तक इनका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने पहली तिमाही में बैंक की उपलब्धियों की जानकारी भी दी।
योजना सलाहकार  सुभाशीष पांडा ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
प्रधान सचिव, सचिव, विभागों के अध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबन्धक  आर.गुरूमूर्थी, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक नरेश गुप्ता और बैंकों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।

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