राष्ट्रीय (28/09/2012) 
मानसिंक विकलांगता वाले बच्चों के लिए नया केंद्र -- उड़ान शिमला में

मानसिंक विकलांगता वाले बच्चों की शीघ्र  पहचान के लिए शिमला  में उड़ान एक केन्द्र खोलेगी। इस आष्य की घोषणा  आज यहां परिमहल में आटिस्म स्पैकट्रम डिसआर्डरस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में  की गई।

उड़ान द्वारा आटिस्म स्पैकट्रम डिसआर्डरस पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक स्वाथ्य सेवाएं, हिमाचल प्रदेश  डा. डी.एस. चन्देल ने की। उन्होंने इस अवसर पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानसिक मंदता की शीघ्र  पहचान कर पाना बहुत आवशयक है तथा आटिस्म भी एक अनुवांशिक  विकार है, जिसकी पहचान शुरूआति दौर में हो जानी चाहिए ताकि बच्चों में शीघ्र  सुधार लाया जा सके। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने विकलांगता की शीघ्र  पहचान के लिए अनेक कदम उठाये हैं तथा मसकुलर-डिसट्राफी के लिए जिला अस्पतालों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जायेंगे।

बैंगलौर स्थित काम डेल ट्रस्ट की अध्यक्ष सुश्री तनुश्री ने कार्यशाला में आटिस्म स्पैकट्रम डिसआर्डरस पर अपने व्याख्यान में कहा कि देश  में प्रति 150 बच्चों में से एक बच्चा आटिस्म से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस दिशा  में कोई विषेश सर्वेक्षण नहीं करवाया गया है, लेकिन विभिन्न अध्ययनों से यह जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि यह विकार लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में चार गुणा अधिक पाया गया है और ऐसे बच्चे अन्य बच्चों से असामान्य होते हैं तथा ऐसे बच्चों में से तीन प्रतिषत बच्चे बोलने में भी असमर्थ होते हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं श्री राजेश शर्मा  ने कहा कि हालांकि प्रदेश  में शीघ्र  विकलांगता पहचान केन्द्र नहीं है, परन्तु राज्य सरकार विकलांगता के क्षेत्र में हर सम्भव कदम उठा रही है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज शिमला  की शिशु  रोग विषेशज्ञ डा. नीलम ग्रोवर ने भी प्रतिभागियों को बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न विकारों की जानकारी दी।
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के षिमला स्थित क्षेत्रीय महाप्रबंधक श्री प्रदीप चैहान ने कार्यषाला के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने के लिए उड़ान के प्रयासों की सराहना की। बैंक द्वारा कार्यषाला के आयोजन के लिए सहयोग भी प्रदान किया गया।
उड़ान संस्था के सचिव डा. आर. एस. राणा ने मुख्य अतिथि तथा अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि उड़ान मानसिक मंदता से ग्रस्त बच्चों के कल्याण के लिए पिछले दस वर्शों से कार्यरत है। उन्होंने कहा कि संस्था राज्य सरकार के सहयोग से शिमला  में आटिस्म शीघ्र  पहचान केन्द्र खोलेगी।
उड़ान की प्रशासक   ललिता राणा ने कार्यशाला में भाग लेने के लिए सभी का धन्यवाद व्यक्त किया।
कार्यशाला में शिमला  की जानीमानी  समाज सेवी  ऊमा बाल्दी, रोटरी क्लब शिमला के अध्यक्ष  प्रेक्षित सूद, उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव, शिमला  स्थित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा बच्चों के अभिभावकों ने भी भाग लिया।
कार्यशाळा  में उड़ान संस्था के बच्चों ने एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।

 

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