राष्ट्रीय (28/09/2012) 
कुमारी सैलजा ने यूनेस्को विश्व धरोहर कार्यशाला का उद्घाटन किया

केन्द्रीय संस्कृति और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि विश्व धरोहर और चिरस्थायी विकास के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर संवेदनशीलता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की जरूरत है। यूनेस्को विश्व धरोहर केन्द्र श्रेणी-2 सलाहकार कार्यशाला का आज उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि धरोहरों का रखरखाव करने में सरकारों, गैर सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और अन्य को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पेशेवर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, स्थानीय लोगों और साझेदारों में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है और यह कार्य तत्काल किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी आवश्यक है कि युवकों और स्थानीय लोगों को विश्व धरोहर के बारे में शिक्षित किया जाए।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हाल के वर्षों में अधिकांश एशियाई देशों ने धरोहर संरक्षण पर नये कानूनों को लागू करने में तेजी दिखाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत राष्ट्रीय स्मारकों और विश् धरोहर सम्पत्तियों के संरक्षण के लिए भारत ने हाल में प्राचीन स्मारक और पुरातत्व महत्व के स्थल और अवशेष अधिनियम (एएमएएसआरए, 2010) को लागू करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एक नये राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण का गठन किया गया है जिसका उद्देश्य शहरी योजना के लिए नये प्रतिमान निर्धारित करना है।

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