राष्ट्रीय (28/09/2012) 
10 वर्ष से बिजली कम्पनियों पर निगम का करोड़ों रूपया बकाया

उपराज्यपाल बिजली कम्पनियों को निगमों का बकाया विद्युत टैक्स भुगतान करने का निर्देश दें -विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, 28 सितम्बर।  भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने उपराज्यपाल  तेजेन्द्र खन्ना को पत्र लिखकर मांग की है कि वे दिल्ली में विद्युत आपूर्ति करने वाली तीनों निजी बिजली कम्पनियों को दिल्ली नगर निगम के बकाया करोड़ों रूपये के विद्युत टैक्स के तुरन्त भुगतान करने का निर्देश दें।

विजेन्द्र  गुप्ता ने बताया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 112 और 113 में स्पश्ट प्रावधान हैं कि दिल्ली में विद्युत उपभोग करने पर उपभोक्ता को 5 प्रतिषत की दर से विद्युत टैक्स का भुगतान करना होगा।  दिल्ली में 1 जुलाई, 2002 से बिजली की निजीकरण हो गया।  उसके बाद से बिजली कम्पनियों ने एक रूपये का भी विद्युत टैक्स नगर निगम को नहीं भरा है।  जबकि तीनों बिजली कम्पनियों के दफ्तरों, कार्यषालाओं, गोदामों, ग्रिड स्टेषनों आदि पर हर रोज लाखों यूनिट बिजली का उपभोग किया जाता है।  

तीनों निजी बिजली कम्पनियों ने अपने इन स्थानों पर बिजली के मीटर जानबूझ कर नहीं लगाये हैं ताकि उनके द्वारा खुद उपभोग की जाने वाली बिजली की मात्रा की जानकारी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल दिल्ली, केन्द्र सरकार तथा अन्य जांच और आडिट संस्थाओं को न लग सके।  यह एक गंभीर अपराध है।  बिजली कम्पनियां बिजली चोरी करने पर आम उपभोक्ता को तो सीधे जेल भेज देती हैं, लेकिन उनके द्वारा हर रोज लाखों यूनिट बिजली की चोरी की जा रही है।  इस निजी बिजली उपभोग का खर्च बिजली कम्पनियां आम उपभोक्ता पर डाल रही हैं।

बिजली कम्पनियां तीनों नगर निगमों से स्ट्रीट लाइटों और पार्कों में लगी लाइटों का खर्च प्रति पोल के हिसाब से वसूलती हैं जो सालाना करोड़ों रूपये होता है।  इसके बाद भी कम्पनियां विद्युत टैक्स का भुगतान पिछले 10 वर्श से नगर निगम को नहीं कर रही हैं।  दिल्ली सरकार भी इस मामले में पूरी तरह चुप है।  इस साल से दिल्ली में तीन निगम बन गये हैं।  इनकी वित्तीय स्थिति नाजुक है।  हर निगम एक-एक पैसे का हिसाब रख रहा है क्योंकि निगमों के लिए एक रूपया भी महत्वपूर्ण है।  ऐसी परिस्थिति में भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने उपराज्यपाल महोदय से मांग की है कि वे निगमों का बिजली कम्पनियों पर बकाया करोड़ों रूपये के विद्युत टैक्स के तुरन्त भुगतान करने का निर्देष बिजली कम्पनियों और दिल्ली सरकार को दें ताकि निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके।  यह पैसा दिल्ली की जनता के हित में ही खर्च होगा।

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