राष्ट्रीय (29/09/2012) 
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल द्वारा 29 सितम्बर, 2012 को शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य

मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कुछ समाचार पत्रों में भाजपा घोषणा पत्र के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री वीरभद्र सिंह के वक्तव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह वक्तव्य झूठा, वास्तविकता से परे तथा राजनीतिक लाभ उठाने के लिए एक भ्रामक प्रचार मात्र है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को सरकार को नीति दस्तावेज बनाया तथा सभी विभागों को इसे अक्षरक्षः कार्यान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए गए सभी वायदों को दो वर्षों के भीतर ही पूरा किया गया था, जबकि वृद्धावस्था पेंशन, दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में वृद्धि तथा महिला कल्याण जैसे वायदों को तो सरकार के गठन के तीन दिन के भीतर ही पूरा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों का नियमित अनुश्रवण करने के लिए एक मंत्रिमण्डलीय उप समिति भी गठित की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने केवल वही वायदे किए, जो कार्यान्वित किए जा सकते थे, न कि  वीरभद्र सिंह की तरह जो अपनी संर्कीण राजनीतिक लाभ के लिए काल्पनिक वायदे करते हैं। उन्होंने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह ऐसी कोई बड़ी योजना का नाम बताएं जो उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में प्रदेश व प्रदेशवासियों के हित के लिए कार्यान्वित की हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा पंडित दीनदयाल किसान-बागवान समृद्धि योजना, दूध गंगा योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना, अटल बिजली बचत योजना, अटल स्वास्थ्य सेवा योजना, भेड़पालक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री विद्यार्थी स्वास्थ्य योजना, सेब पुनर्राेपण योजना, माता शबरी सशक्तिकरण योजना जैसी अनेक  महत्वकांक्षी योजनाएं आरम्भ की गई, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।

प्रो. धूमल ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के लिए अतिरिक्त संसाधन सृजन के लिए नीति अपनाने की भी बात कही गई थी, जिसे भी सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को कांग्रेस कार्यकाल में वर्ष 2003-04 से वर्ष 2007-08 तक 2228.76 करोड़ रुपये की विशेष केन्द्रीय सहायता मिली, जबकि भाजपा कार्यकाल में वर्ष 2008-09 से 2012-13 तक 4132 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई । उन्होंने  वीरभद्र सिंह को याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान वर्ष 2003-04 से वर्ष 2007-08 तक सड़कों के रख-रखाव पर केवल 624.23 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि भाजपा सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में 1000.24 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग श्री वीरभद्र सिंह से जानना चाहते हैं कि जब वे केन्द्रीय मंत्री थे, तो उन्होंने भारत सरकार से प्रदेश के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रख-रखाव के लिए धनराशि को बढ़ाने का आग्रह क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रख-रखाव का जिम्मा केन्द्र सरकार का है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रख-रखाव के लिए केवल 5.59 करोड़ रुपये आबंटित किए, जबकि निर्धारित मापदण्डों के अनुसार 33.05 करोड़ रुपये आबंटित होने चाहिए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  वीरभद्र सिंह लोगों को भ्रमित करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं और मीडिया में झूठे बयान जारी कर एक असफल मुख्यमंत्री के रूप में अपनी नाकामियों को छुपाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की अभूतपूर्व उपलब्धियों से वे विचलित हो गए हैं, क्योंकि प्रदेश को इस अवधि के दौरान 71 राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय के पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग समझदार हैं और वे भाजपा तथा कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों की तुलना भलीभांति कर सकते हैं और वे जानते हैं कि कौन उनके सच्चे हितैषी है। उन्होंने श्री वीरभद्र सिंह को आत्म विश्लेषण करने तथा केवल राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए भ्रामक बयानबाजी न करने का सुझाव दिया।

Copyright @ 2019.