राष्ट्रीय (01/10/2012) 
विश्व आवास दिवस

आवास और शहरी गरीबी उपशमन तथा संस्कृति मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि गत दशक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरों में आबादी काफी बढ़ी है और इन परिवर्तनों का प्रबंध करने के लिए नीतिगत सक्रिय कार्यवाही करना समय की आवश्यकता है, ताकि वे हमारे आर्थिक विकास में बाधा न बनें। विश्व आवास दिवस 2012 के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि शहरों को परिवर्तन के लिए तैयार करने की प्रमुख आवश्यकता शहरों का उचित आयोजन है। मंत्री महोदया ने कहा कि शहरी आयोजन का वर्तमान प्रतिमान स्थिर मास्टर प्लानिंग की गलत धारणा पर आधारित है। आयोजन की यह प्रक्रिया प्रतिरोधक सिद्ध हुई है। हालांकि हमारे शहरों में 80 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीब और कम आमदनी वाले समूहों से संबंध रखती है तथापि ये मास्टर योजनाएं मझौले दर्जे के औसतन आवासियों की स्थान आवश्यकताओं के तौर-तरीकों पर आधारित हैं। मास्टर योजनाएं शहरों के इन सबसे गरीब समुदायों के लिए छत और रोजगार के लिए स्थान उपलबध कराने में विफल रही हैं। इसलिए, इस प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा संचालित जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) और राजीव आवास योजना (आरएवाई) इस आवासीय संवेदनशीलता को हल करने के लिए किस प्रकार आक्रामक रूप से काम कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को संपत्ति के अधिकार देने का दृष्टिकोण अपनाया है।

उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन और राजीव आवास योजना की सुधारोन्मुख योजनाओं के जरिए उनका मंत्रालय राज्यों को इस आयोजन प्रतिमान में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। सुश्री सैलजा ने सूचित किया कि शहरी गरीबों की व्यवसायगत संवेदनशीलता को हल करने के लिए उनके मंत्रालय द्वारा खोमचे वाला (आजीविका संरक्षण एवं गली मोहल्ला विक्रय नियमन) विधेयक 2012 संसद में पेश किया जा चुका है। इसका उद्देश्य गली मोहल्ले के ऐसे खोमचे वालों की सहायता करना है जो शहरी आबादी के सबसे गरीब वर्गों से हैं, ताकि वे अपने रोजगार के जरिए गरीबी दूर कर सकें और शांत वातावरण में अपनी आजीविका चला सकें। उन्होंने अपने मंत्रालय की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शुरू करने की उन योजनाओं पर भी प्रकाश डाला जिनके जरिए गरीब शहरी आबादी को प्रशिक्षण और ऋणगत सहायता देकर बाजार के बदलते हुए वातावरण में अपनी आजीविका सुरक्षित करने योग्य बनाया जा सकेगा। उन्होंने अंत में कहा कि शहरों को विकास का अग्रदूत तभी बनाया जा सकता है यदि वह विकास सभी नागरिकों के लिए संसाधनों की समान पहुंच सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि इसे सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों को सक्रिय और जोरदार प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के सचिव ने भी अपने विचार व्यक्त्किए। इस वर्ष के विश्व आवास दिवस का विषय है : बदलते शहर : अवसरों का सृजन।

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