केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि बौद्ध बहुल देशों जैसे थाईलैंड और मलयेशिया से आने वाले पर्यटकों को पहुंचते ही वीजा (वीजा ऑन अराइवल) की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने वाराणसी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के दौरान शनिवार को यह बात कही। सहाय ने कहा कि उनका मंत्रालय वाराणसी में भगवान बुद्ध के नाम पर गंगा नदी के किनारे एक घाट का भी निर्माण कराएगा। उन्होंने बताया कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उनके मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य देश भर के शहरों खासकर पर्यटन स्थलों को साफ रखना है। सहाय ने राज्य सरकारों से इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की। उन्होंने इस बात का भी भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय पवित्र वाराणसी शहर को स्वच्छ रखने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को पूर्ण सहयोग देगा। श्री सहाय ने कहा कि भारत बौद्ध धर्म की जन्मस्थली है और यह दुनियाभर के बौद्ध पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि बौद्ध बहुल देशों से ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उनका मंत्रालय योजनाएं बना रहा है। सहाय ने कहा कि उनके मंत्रालय ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में ऐसे तीन सर्किट की पहचान की है जिसे बौद्ध सर्किट/गंतव्यों के भाग के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले सर्किट (धर्मयात्रा या पवित्र सर्किट) में 5 से 7 दिन की यात्रा होगी जिसमें गया (बोद्धगया), वाराणसी (सारनाथ), कुशीनगर, पिपरवा (कपिलवस्तु), सहित नेपाल में लुम्बिनी की एक दिन की यात्रा शामिल होगी। दूसरे सर्किट (विस्तारित धर्मयात्रा या विस्तारित पवित्र सर्किट) में 10 से 15 दिन की यात्रा होगी जिसमें बोद्धगया (नालंदा, राजगिर, बराबार गुफाएं, प्रगबौद्धी पहाड़, गया), पटना (वैशाली, लौरिया नंदनगढ़, लौरिया अरिराज, केसरिया, पटना संग्रहालय), वाराणसी (सारनाथ), कुशीनगर, पिपरवा (कपिलवस्तु, श्रावस्ती, सनिस्का) सहित नेपाल में लुम्बिनी की एक दिन की यात्रा शामिल होगी। तीसरे सर्किट में जम्मू और कश्मीर- लद्दाख, श्रीनगर और जम्मू, हिमाचल प्रदेश-धर्मशाला, स्पीति, किन्नौर और लाहौल जैसे राज्य शामिल होंगे जिसमें बौद्ध विरासत की झलक दिखती है। सहाय ने कहा कि पर्यटन को आज आर्थिक वृद्धि का एक मुख्य घटक माना जाता है। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में तेज़ी से विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में लगभग 35 मुख्य एकीकृत सर्किट और गंतव्यों की पहचान की गई है। सिंगोपुर में सेंतोसा द्वीप की तर्ज पर करीब 20 पर्यटन पार्क बनाने का प्रस्ताव है। इस सम्मेलन में कई देशों के विद्वानों/टूर ऑपरेटरों और मीडिया प्रतिनिधियो ने भाग लिया। साथ ही आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार सहित 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक भारतीय टूर ऑपरेटर, विद्वान और मीडिया कर्मचारी इसमें उपस्थित हुए। |