राष्ट्रीय (03/10/2012) 
राज्यपाल द्वारा लोक कलाओं के संरक्षण पर बल--हिमाचल प्रदेश
राज्यपाल  उर्मिला सिंह ने लोक कलाओं के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि इससे जहां समृद्ध संस्कृति को बचाया जा सकता है वहीं उच्च परम्पराएं भी बनीं रहेंगी। राज्यपाल आज यहां 15वीं ग्लोबल महिला लोक नृत्य प्रतियोगिता समारोह के समापन अवसर पर बोल रहीं थी। 
उर्मिला सिंह ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से भारत की विविध नृत्य शैलियों को देखने का अवसर मिला है, जो विविधता में एकता के भाव को प्रदर्शित करती हैं। ऐसे समारोह, संस्कृति के माध्यम से सभी को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने में भी कारगर सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल कलाकारों को सशक्त मंच प्रदान कर उनमें आत्मविश्वास पैदा करने में सफल रहा है अपितु संस्कृति के गौरव को बनाए रखने में सहायक होगा।
राज्यपाल ने शिमला में आयोजित इस सांस्कृतिक समारोह के आयोजन के लिए चारू कैसल फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि इसके माध्यम से देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी कला के विभिन्न रूपों को देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि लोक संगीत एवं लोक नृत्य हिमाचल प्रदेश की संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। प्रदेश के पारम्परिक लोक नृत्य एवं संगीत में यहां की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने आशा जताई कि देश-विदेश से आए कलाकारों ने यहां के लोक संगीत व लोक नृत्य का आनंद उठाया होगा।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने प्रतियोगिता की विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए। प्रथम पुरस्कार, चेन्नई टीम को प्रदान किया गया। राज्यपाल ने प्रथम पुरस्कार के तौर पर चेन्नई टीम को 25,000 रुपये, टाफी और प्रशस्ती पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया। दूसरा पुरस्कार, श्रीलंका और बांगलादेश को दिया गया, जिन्हें सात-सात हजार रुपये, ट्राफी और प्रशस्ती पत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, अनेक सांत्वना पुरस्कार भी वितरित किए गए।
चारू कैसल फाउंडेशन के अध्यक्ष  कपूर वी. भान ने राज्यपाल का स्वागत किया और फाउंडेशन की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
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