राष्ट्रीय (03/10/2012) 
एक स्पष्टीकरण --हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश विपणन निगम (एचपीएमसी) के प्रबंध निदेशक  मदन चैहान ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों में इस आश्य का समाचार प्रकाशित हुआ है कि एचपीएमसी को 60 करोड़ का नुक्सान हुआ है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम के गठन से अब तक गत 38 वर्षों में 55 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
 चैहान ने कहा कि कुल घाटे में से यदि आवधिक ऋण पर ब्याज एवं अवमूल्यन को नहीं लिया जाता है तो संचित घाटा केवल 13 करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने गत चार वर्षों में 4.5 करोड़ रुपये से अधिक के सेवानिवृत्ति के लाभ प्रदान किए हैं।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा वर्ष 1995-96 में कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए 40 लाख रुपये में चेन्नई में भूमि खरीदी। वर्तमान में चेन्नई के कोल्ड स्टोर में बागवानों द्वारा ताजा सेब की आपूर्ति काफी कम मात्रा में की जाती है, क्योंकि राज्य में विशेषकर फल उत्पादक क्षेत्रों में ही बड़ी संख्या में टर्मिनल मार्किट स्थापित की गई है। इसके दृष्टिगत निगम के लिए भूमि की उपयोगिता अधिक नहीं रह जाती तथा निगम द्वारा पारदर्शी निविदा प्रणाली को अपनाकर चार बार निविदाएं आमंत्रित कर इस भूमि को 17.3 करोड़ रुपये की उचित मूल्य पर बेचने के लिए सक्षम है। निगम के पास चेन्नई में पहले से ही एक कोल्ड स्टोर है, जहां किसानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध र्है।
निगम ने गत चार वर्षों के दौरान राज्य के पांच स्थानों में ग्रेडिंग एवं पैकिंग के लिए सुविधाएं स्तरोन्नत की हंै तथा गुम्मा एवं जरोल टिक्कर में दो अत्याधुनिक सीए स्टोर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों एवं बागवानों से न्यूनतम दरों में इन सुविधाओं का उपयोग करने का आग्रह किया गया है ताकि वे अपने उत्पाद जैसे सेब को गर्मियों के दौरान बेच सकें। गर्मियों में सेब की अत्याधिक मांग रहती है और ऐसे में सेब की बिक्री के उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद निगम द्वारा किसानों एवं बागवानों को विभिन्न सुविधाएं तथा कर्मचारियों को सभी लाभ प्रदान करने के बेहतर प्रयास किए गए हैं।
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