राष्ट्रीय (17/03/2013) 
अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि उत्सव सम्पन्न

राज्यपाल उर्मिला सिंह ने आज सप्ताह भर चले अन्तर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेले और त्यौहार हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। इनके पारम्परिक आयोजन से प्रदेश की समृद्ध एवं बहुरंगी संस्कृति के झलक मिलती है तथा इन्हें हर हाल में संजोये रखा जाना चाहिए क्योंकि यह हमारे राज्य एवं राष्ट्र की पहचान है।
श्रीमती सिंह ने कहा कि संस्कृति व धरोहर जहां मूल्यों, मान्यताओं एवं हमारी आकांक्षाओं को दर्शाते हैं, वहीं यह हमारी राष्ट्रीय पहचान को भी परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं के प्रति सजग रहना चाहिए तथा यह हम सबका कर्तव्य है कि हम इन्हें संरक्षण प्रदान करें ताकि आने वाली पीढि़यां भी अपने  समृद्ध अतीत पर गौरव कर सके।
राज्यपाल ने मेले के दौरान आयोजित मुख्य परम्परा देव-मिलन की सराहना करते हुए कहा कि यह परम्परा केवल हिमाचल प्रदेश में ही देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लोगों का देवी-देवताओं पर अटूट विश्वास का भी द्योतक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन आयोजनों में सक्रियता से भाग लेना चाहिए ताकि वे इन परम्पराओं को आगे बढ़ा सके।
इससे पूर्व  उर्मिला सिंह ने श्री माधो राय मन्दिर में पूजा अर्चना की तथा जलेब शोभा यात्रा में भाग लिया।
राज्यपाल ने विभिन्न विभागों व अन्य संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का दौरा किया। उन्होंने प्रदर्शनी में गहरी रूचि दिखाई।

राज्यपाल ने इस अवसर पर खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।
उपायुक्त  देवेश कुमार जो मेला कमेटी के अध्यक्ष भी हैं, ने राज्यपाल का स्वागत किया।
ग्रामीण विकास मंत्री  अनिल शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री  प्रकाश चैधरी, मण्डी जिला कांग्रेस अध्यक्ष  पूर्ण चंद ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी, पुलिस अधीक्षक मण्डी  आर.एस. नेगी और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एव गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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