राष्ट्रीय (10/06/2013) 
नक्सली हिंसा पर सर्वदलीय बैठक

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नक्सली हिंसा पर आज नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के आरंभ में सबको संबोधित किया और कहा की मैं नक्सली हिंसा, खासतौर से छत्तीसगढ़ में 25 मई को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं एवं उनके सुरक्षा कर्मियों पर जघन्य हमले के मद्देनजर उत्पन्न सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए राजनीतिक दलों की इस बैठक में आप सबका स्वागत करता हूं।

नक्सली विचारधारा को हिंसक तरीकों से हमारे देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को कमजोर करने और बेदखल करने के लिए मानव जीवन के प्रति पूरे निरादर के लिए जाना जाता है। कई वर्षों से उन्होंने जघन्य और अमानवीय हमले किए हैं जिनके कारण सुरक्षा कर्मियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और मासूम लोगों की जान गई है और गंभीर क्षति पहुंची है। लेकिन मुझे भरोसा है कि छत्तीसगढ़ हमला पहली बार यह संकेत करता है कि उन्होंने व्यवस्थित ढंग से राजनीतिक दल के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया है। यदि भय या आतंक के कारण राजनीतिक गतिविधि के लिए गुंजाइश सीमित की गई तो हमारे देश में लोकतांत्रिक ताकतों की ताकत और मजबूती को नुकसान होगा। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ हमला हमारे राष्ट्र की लोकतांत्रिक बुनियाद पर सीधा हमला है।

मुझे यकीन है कि हम सब सहमत होंगे कि राज्य सरकार और खासतौर से छत्तीसगढ़ सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधि के लिए हालात ज्यादा अनुकूल हों। केंद्र सरकार इस कार्य में राज्य सरकार को पूरा समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

सरकार वामपंथी उग्रवाद की इस चुनौती से निपटने के लिए दोहरी रणनीति अपना रही है - मावोवादियों का सामना करने के लिए सतत और अति सक्रिय रूप से कार्रवाई करना तथा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शासन संबंधी मुद्दों से निपटना। हमे विश्वास है कि इस रणनीति को और असरदार एवं मजबूत बनाने की जरूरत है। हमने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। मैं इस अवसर पर उन उपायों का ब्योरा नहीं देना चाहता जो हम कर रहे हैं या करने की योजना बना रहे हैं लेकिन सिर्फ यह दोहराना चाहता हूं कि हमारी सरकार इस संबंध में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

हमें भरोसा है कि नक्सल समस्या से कारगर ढंग से निपटने की तत्काल जरूरत है। हालांकि हम सभी उपाय करते हैं कि इस बुराई को स्थायी रूप से समूल उखाड़ दिया जाए लेकिन फिर भी हमें तत्काल यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नक्सली हिंसा पर रोक लगे और छत्तीसगढ़ जैसे हमले फिर न हों। हमारी सरकार आज हमारे समक्ष मौजूद गंभीर चुनौती से निपटने के लिए आपकी बुद्धि, ज्ञान और अनुभव से लाभ उठाने की उम्मीद करती है।

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