राष्ट्रीय (13/06/2013) 
गुरू अर्जुन देव का शहीदी पर्व मनाया,नगर में अनेक स्थानों पर लगाई छबीलें
मुजफ्फरनगर। श्री गुरू सिंह सभा द्वारा सिक्खों के पांचवे गुरू अर्जुन देव का 407वां शहीदी पर्व श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। गुरू अर्जुन देव द्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर का नींव का पत्थर मुस्लिम संत फकीर सांई मीवामीर से रखवाया था और उसके चार दरवाजे रखवाये थे। जो इस बात का प्रतीक है कि यहां पर किसी भी वर्ग, जाति, धर्म का व्यक्ति आकर अरदास कर सकता है। अर्जुन देव द्वारा ही श्री गुरू ग्रन्थ साहब का सम्पादन किया गया। जिसमें गुरूओं के साथ विभिन्न प्रान्तों के महापुरूषों जिनमें रविदास, कबीर, फरीद, नामदेव, सैज, धन्ना आदि संतों की वाणी का गुरू ग्रंथ साहिब में समावेश किया लेकिन क्रूर मुगल के द्वारा सन् 1606 में लाहौर की रानी नदी के किनारे पर सिर पर गर्म रेत व लोहे के तवे के नीचे लगाकर आपको शहीद किया गया। उनकी याद में बुधवार को नगर में शिवचैक, गांधी कालोनी, भोपा रोड स्टेशन, मेरठ रोड, सहारनपुर स्टेंड व अन्य कई स्थानों पर ठंडे मीठे जल की छबीलें लगाई गयी। गांधी कालोनी के गुरूद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया। अमृतसर से आये रागी भाई शरणजीत सिंह व साथियों द्वारा गुरूबाणी का कीर्तन व गुरू की शहादत का वर्णन कर सुदंर शब्दों में किया गया। आयोजन में अमरजीत सिंह, देवेंद्र सिंह नागपाल, इंद्रजीत सिंह छाबडा, उत्तम सिंह, जत्थेदार, इंद्रजीत शेखो, मनजीत सिंह, हैप्पी, हरप्रीत सिंह, देवेंद्र दीप सिंह का सहयोग रहा।
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