राष्ट्रीय (17/06/2013) 
शीला दीक्षित की घोषणाएं महज चुनावी स्टंट:विजेन्द्र गुप्ता

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष  विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि पांच  तक तो मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आफिसर  ग्रामीणों पर कहर ढाते रहे और धारा 81 के तहत उन पर मुकद्दमे दर्ज करते रहे और अब सामने चुनाव देखकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
 गुप्ता ने कहा कि सरकार का यह निर्णय इस कहावत को चरितार्थ करता है कि सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। 

 गुप्ता ने मुख्यमंत्री से 5 सवाल किए-
पहला सवाल ः- मुख्यमंत्री यह बताए कि कांग्रेस की सरकार ने 1964 का सर्कुलर जिसके अन्तर्गत लाल डोरे में मकान बनाने पर नक्शा  पास कराने की आवशयकता नही थी, इस सर्कुलर को क्यो वापिस लिया गया ?

दूसरा सवाल ः- सरकार बताए कि 1964 के सकुर्लर की वापिसी के बाद दिल्ली के गांवो में क्या एक भी मकान अधीकृत रूप से बना है ?
यदि हां तो उनकी सूची जारी की जाए।

तीसरा सवाल ः- सरकार बताए कि क्या आज की परिस्थितियों में दिल्ली के गांवों में लेआउट बनाना सम्भव है?
यदि हां तो उनके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे ?

चैथा सवाल ः- सरकार बताए कि तालकटोरा स्टेडियम की घोाणा के बाद क्या अब धारा 81 में ग्रामीणों पर मुकदमें दर्ज नही किए जाएगें ?

पांचवा सवाल ः- सरकार ने लाल डोरा एक्सटैन्ड करने की बात कही है, क्या यह अनाधिकृत काॅलोनियों के नियमितीकरण के मामलो को खटाई में डालने का षड्यन्त्र नही है ?

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष  विजेन्द्र गुप्ता ने सरकार की घोषणाओं को नौटंकी बताते हुए कहा कि लाल डोरा एक्सटैन्ड करना तो दूर अगर सरकार 1964 के सकुर्लर को ही फिर से लागू कर दे तो दिल्ली के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिल सकती है।  मुख्यमंत्री ने धारा 81 को खारिज करने की जो बात कही है उसमें एक राजनैतिक षड़यंत्र की बू आती है क्योंकि केन्द्र सरकार द्वारा मास्टर प्लान 2021 में इस प्रकार के प्रावघान का कोई स्कोप नही है। 

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने यह मांग की है कि मेहनतकश  मजदूर गरीब को गुमराह करने की बजाय काग्रेस ठोस योजना के साथ राहत देने की बात करें।

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