राष्ट्रीय (17/06/2013) 
शैलेय के तीसरे कविता संग्रह यहां ओज बोलता है, का लोकार्पण

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। सुपरिचित कवि-कथाकार शैलेय के तीसरे कविता संग्रह यहां ओज बोलता है (अंतिका प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित) का अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वावधान में कवि-दर्शनशास्त्री डाॅ0 प्रद्युम्न कुमार जैन अनंग ने लोकार्पण किया। इस अवसर पर बोलते हुए वक्ताओं ने शैलेय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और साहित्य तथा संवेदनाओं के प्रसार के लिए संवेदनशील लोगों से आगे आने की अपील की। कहा कि समाज से संवेदनाएं कम हो रही हैं और मनुष्य नितांत व्यक्तिवादी हो रहा है ऐसे में विषमता और अपराध बढ़ रहे हैं, साहित्य और संवाद के माध्यम से हम अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं। इस वर्ष उमेश डोभाल युवा पत्रकारिता पुरस्कार प्राप्त भास्कर उप्रेती ने क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ आकर साहित्य और संवाद की गतिविधियों को व्यापक रूप देने की अपील की।  मालूम हो कि शैलेय को अपने पहले दो कविता संग्रहों या और तो पर परंपरा सम्मान, शब्द साधक सम्मान, आचार्य निरंजननाथ सम्मान, वर्तमान साहित्य सिसौदिया सम्मान, परिवेश सम्मान तथा अंबिका प्रसाद दिव्य सम्मान मिल चुके हैं। उनके पहले उपन्यास हलफनामा का विगत वर्ष 14 अक्टूबर को स्थानीय डिग्री काॅलेज में प्रख्यात इतिहासकार डाॅ0 लालबहादुर वर्मा ने लोकार्पण किया था।
 यहां ओज बोलता है के लोकार्पण कार्यक्रम में हताश लोगों से एक सवाल, हिमालय ऊंचा या बचेंद्रीपाल, पेड़ खड़े हैं क्योंकि जमीन में गड़े हैं आदि शैलेय की विभिन्न कविताएं भी प्रस्तुत की गईं। इस अवसर पर बीसी सिंघल, कश्तूरीलाल तागरा, मुकुल, एपी भारती, नबी अहमद मंसूरी, शिवजी धीर, कुंदन कोरंगा, रूपेश कुमार सिंह आदि अनेक लोग तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के विजय मौर्य, भास्कर उप्रेती सहित समस्त टीम मौजूद थी। संचालन युवा कवि खेमकरण सोमन ने किया।

 

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