राष्ट्रीय (20/06/2013) 
किन्नौर जिला में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
मुख्य सचिव  एस. राय ने आज यहां कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं तथा यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी फंसे हुए लोगों को शीघ्र अति शीघ्र बाहर निकाला जाए। 
राय ने यह जानकारी एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। इस बैठक का आयोजन किन्नौर जिले में भारी बारिश, भू-स्खलन एवं बर्फबारी के कारण हुए नुकसान से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए किया गया था।
मुख्य सचिव ने अवगत करवाया कि अभी भी किन्नौर जिले के विभिन्न भागों में 400 से 500 लोग फंसे हुए हैं। आज 69 लोगों को हेलिकाॅप्टर से रामपुर पहुंचाया गय। गत दिवस से लेकर अभी तक 278 लोगों को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला जा चुका है।
मुख्य सचिव ने इंडियन आयल निगम के अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों को निर्देश दिए कि एवीऐशन ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जाए और ईंधन का अतिरिक्त कोटा भंडारित किया जाए। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले के विभिन्न हिस्सों में मिट्टी के तेल, डीज+ल तथा रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए निर्धारित हेलिकाॅप्टर की उड़ानें नियमित समय पर हों तथा इस कार्य में पंजीकरण, बीमार, कमजोर, बुजुर्ग, छात्रों और बच्चों को वरियता दी जाए।
उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रामपुर और अनाडेल हेलिपेड शिमला में हेलिकाॅप्टर में पुनः ईंधन भरने के प्रबन्ध किए गए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को किन्नौर जिले में सम्पर्क मार्ग बहाल करने के निर्देश भी दिए ताकि लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जा सके और आवाजाही सुचारू हो सके। उन्होंने संचार एवं परिवहन व्यवस्था के पूरी तरह बहाल होने तक सम्पर्क मार्गों को जीप योग्य चलाने की स्थिति में लाने पर बल दिया। उन्होंने
कहा कि यात्रियों को लाने ले जाने के लिए उन स्थानों पर हल्के वाहन प्रयोग में लाए जाएं, जहां मुरम्मत में समय लगेगा।
 राय ने कहा कि जिले के प्रभावित क्षेत्रों में राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों के लिए हिमाचल प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारी तैनात किए गए हैं। राहत कार्यों एवं लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिले में लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समुचित मात्रा में खाद्य वस्तुएं उपलब्ध हैं। विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तक 14 व्यक्तियों की मृत्यु का समाचार है, 150 घरों को नुकसान पहुंचा है तथा 55 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में 50 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का आकलन किया गया है।
दीपक परियोजना के मुख्य अभियन्ता ब्रिगेडियर एस.के. कटारिया ने इस अवसर पर कहा कि भारत तिब्बत सीमा सड़क को बहाल करने के लिए जल विद्युत परियोजनाओं से श्रमशक्ति एवं मशीनरी सम्बन्धी सहायता प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आवश्यक उपकरण चंडीगढ़ स्थित पश्चिम कमांड मुख्यालय से हासिल किए जा रहे हैं। मनाली-सरचू मार्ग पर टास्क फोर्स तैनात कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्गों को एक सप्ताह के भीतर बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास एवं संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्ध है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित अंतराल पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों की सूचना के लिए यह स्पष्ट किया गया है कि किन्नौर जिला को छोड़कर सभी मुख्य पर्यटक स्थलों को जाने वाले मार्ग खुले हैं और किन्नौर जिला को छोड़कर प्रदेश के किसी भी हिस्से में पर्यटकों-आगन्तुकों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।
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