राष्ट्रीय (26/06/2013) 
डीटीसी को प्रतिदिन औसतन 25 लाख का नुकसान
मुंडका विधनसभा क्षेत्रा से भाजपा विधयक मनोज शौकीन ने दिल्ली के परिवहन मंत्री रमाकांत गोस्वामी से मांग की है कि सरकार तत्काल पांच हजार डीटीसी बस चालकों की नियुक्ति हेतु गम्भीरता से कार्यवाही करे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंध्न की अव्यवस्था के चलते दिल्ली परिवहन निगम को रोजाना करीब 25 लाख रूपये का नुकसान हो रहा है। डिपो से निकलने के बाद बसें तय किलोमीटर पूरा नहीं करतीं और ब्रेक डाउन की समस्या बढ़ती ही जा रही है। हालात यह है कि रोजाना करीब पौने दो लाख किलोमीटर के ट्रिप मिस हो रहे हैं। सुबह डिपों से औसतन 90 प्रतिशत बसें बाहर निकलती हैं तो शाम को औसतन 55 प्रतिशत बसें ही डिपों से निकल पाती हैं। बसों का तय औसत उपयोग 225 किलोमीटर के बजाय 160 कलोमीटर ही हो रहा है।
 भाजपा विधयक श्री शौकीन ने बताया कि डीटीसी के बेड़े में 5481 सीएनजी बसें हैं।  सिटी सेवा और अन्तर्राज्जीय बस सेवा में रोजाना औसतन 6.40 लाख किलोमीटर बस दौड़नी चाहिए।  वर्तमान में 4.20 लाख किलोमीटर ही डीटीसी की बसें दौड़ पा रही हैं। इसके अलावा बसें करीब 51 हजार किलोमीटर स्कूल सेवा में चलती हैं। प्रति किलोमीटर करीब 22 रूपये का राजस्व एकत्रिात करने वाली डीटीसी तय किलोमीटर में से करीब पौने दो लाख किलोमीटर मिस कर रही है। तय किलोमीटर पूरा करने पर करीब 25 लाख रूपये का अतिरिक्त राजस्व एकत्रिात होगा।  डीटीसी प्रत्येक बस की उपयोगिता 225 किलोमीटर के बजाय महज 160 किलोमीटर ही हो रही है।
 श्री मनोज शौकीन ने कहा कि रोजाना करीब 24 लाख यात्री ढोने वाली डीटीसी के लाखों पास धरक सर्विस को लेकर तौबा कर रहे हैं। हालात यह है कि एसटीए ने जिन 48 रूटों पर डीटीसी को टाइम टेबल में शामिल किया है, वहां डीटीसी की बसें तय समय पर नहीं पहुंच रही हैं। यात्रियों के प्रति घटनी वचनबता के चलते बसें डिपो से निकलने के बाद चालक-संवाहक बस डयूटी पूरी किए बिना बसें वापस डिपो में लौटा रहे हैं।  रोजाना की बात करें तो 35 प्रतिशत बसें डयूटी पूरा किए बिना डिपो में लौट रही हैं। डीटीसी के दैनिक लेखा जोखा की बात करें तो स्टापफ की कमी के चलते रोजाना करीब 4300 ट्रिप मिस हो रहे हैं। 
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