राष्ट्रीय (30/06/2013) 
मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1000 करोड़ रुपये की मांग-HP

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह से भेंट की और प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की। 
वीरभद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि अभी तक सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को 2575 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है तथा भारी वर्षा, बर्फबारी और भूस्खलन के कारण 24 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है और राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर पर बचाव, राहत एवं पुनर्वास कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में संपूर्ण सरकारी मशीनरी के साथ-साथ सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सड़क संगठन और अन्य एजेंसियों की सहायता ली जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक 1239 फंसे हुए व्यक्तियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्राकृतिक आपदा से किन्नौर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। किन्नौर जिले में 15 से 17 जून, 2013 तक सामान्य वर्षा से 1229 प्रतिशत से अधिक वर्षा रिकार्ड की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने त्वरित सहायता के रूप में 28 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। 

 वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में 10 हजार से अधिक मवेशी बह गए हैं और 1000 से अधिक घर या पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए हैं अथवा उनकी मुरम्मत नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि निजी संपत्ति को लगभग 100 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2120 मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और इस कारण 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 525 जलापूर्ति योजनाएं, 280 सिंचाई योजनाएं, पांच मल निकासी योजनाएं और 30 बाढ़ संरक्षण कार्यों को हुए नुकसान से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा के कारण 50 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है और इस कारण फसलों को 200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है तथा कृषि भूमि को पूर्ण रूप से नुकसान हुआ है। 50 हजार हैक्टेयर से अधिक बागवानी भूमि को भी नुकसान पहुंचा है और इस कारण 400 करोड़ रुपये से अधिक की फल फसलें नष्ट हो गई हैं, जबकि बागीचों को भी पूर्ण नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि विद्युत अधोसंरचना को भारी नुकसान पहुंचा है तथा विभिन्न विद्युत परियोजनाएं इस आपदा से काफी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि केवल विद्युत अधोसरंचना को ही 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान आंका गया है। 
वीरभद्र सिंह ने कहा कि आपदा प्रभावित अधिकांश क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। देश एवं प्रदेश के शेष भागों से कटे हुए क्षेत्रों में अगले दो महीनों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए आवश्यक वस्तुएं हैलीकाप्टर के माध्यम से पहुंचाई गई हैं। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग 22 को बहाल करने के कार्य में तेजी लाने के लिए किन्नौर में सीमा सड़क संगठन का एक वरिष्ठ अभियंता तैनान किया जाना चाहिए। उन्होंने रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया कि विशेषकर वांगतु से कौरिक मार्ग के लिए दीर्घावधि की योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 से हर वर्ष आने वाली बाढ़ से इस मार्ग को काफी नुकसान होता है। उन्होंने ऊंचाई पर एक वैकल्पिक मार्ग विकसित करने का सुझाव दिया ताकि इस समस्या का स्थायी हल निकाला जा सके। उन्होंने समुचे क्षेत्र में सभी मौसमों में सड़क सुविधा सुनिश्चित बनाने के लिए व्यवहारिक वैकल्पिक मार्ग विकसित करने की मांग की।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश में बड़े स्तर पर राहत कार्य आरम्भ करने तथा फंसे हुए सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुर्ननिर्माण कार्यों में केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

 

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